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झुमरीतिलैया की आधी आबादी को उजड़ने से बचाया जाए : संजय

सीटू राज्य कमेटी सदस्य संजय पासवान ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से झुमरीतिलैया की आधी आबादी को उजड़ने से बचाने की अपील किया है। ई-मेल के जरिए 22...

झुमरीतिलैया की आधी आबादी को उजड़ने से बचाया जाए : संजय
हिन्दुस्तान टीम,कोडरमाTue, 23 Mar 2021 03:00 AM
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कोडरमा संवाददाता

सीटू राज्य कमेटी सदस्य संजय पासवान ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से झुमरीतिलैया की आधी आबादी को उजड़ने से बचाने की अपील किया है। ई-मेल के जरिए 22 मार्च को मुख्यमंत्री को भेजे गए आवेदन में सीटू नेता ने कहा है कि जिला का मुख्य शहर झुमरीतिलैया है,जहां की आधी से ज्यादा आबादी खाता 220 की भूमि पर बसी हुई है। हजारों लोग 40-50 साल पूर्व लगान रसीद और पंजी-टू के आधार पर जमीन खरीदकर मकान बनाकर रह रहे हैं। इसी आधार पर झारखंड बनने के बाद भी लोगों ने जमीन खरीदे हैं और घर भी बनाए हैं। यह भी सच है कि गैर मजरूआ जमीन की बिक्री गलत तरीके से की गई है,जिसकी जांच होनी चाहिए और दोषी लोगों,पदाधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन इसकी आड़ में खाता 220 अंतर्गत लंबे समय से रह रहे लोगों को नोटिस जारी कर उन्हें परेशान करना जनहित में सही नहीं है। इसके कारण शहर के लोग दहशत में है। कई लोग जो नौकरी से सेवानिवृत होने के बाद मिलने वाले रकम,तो कई लोग जीवन भर की जमा पूंजी से जमीन खरीदकर अपने सपनों का मकान बनाए,उनकी रातों की नींद है। उन्हें लगता है कि वे कहीं के नहीं रह जाएंगे। साल-2012 में तत्कालीन डीसी शिवशंकर तिवारी ने गैर मजरूआ और 220 खाता की जमीन की रसीद काटने पर रोक लगा दी थीञ इसके चलते झुमरीतिलैया नगर पर्षद क्षेत्र की हजारों गरीब जनता प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ से वंचित रह गए। हजारों लोगों को आज भी जाति,आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है और इससे वे सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। रसीद काटने पर लगी रोक को हटाने राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग झारखंड सरकार के पत्रांक-5/स.भू.को.(अवैध हस्तांतरण)-123/2016-2861(5)/रा.8 जून 2017,मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग का पत्रांक -0758,3 जुलाई 2018 और वर्तमान मौजूदा सरकार द्वारा भी विभागीय पत्रांक - 06/भूमि का नियमितीकरण -89/2020,1704/रा. 15 जुलाई 2020 के जरिए वैसे गैर मजरूआ खास भूमि जिसका हस्तांतरण विधिवत जनवरी 1946 के पूर्व निबंधित दस्तावेज द्वारा हुआ है। साथ ही 1956 से लगातर रसीद निर्गत हो रहा है और प्रथम दृष्टया जमाबंदी सही प्रतीत होता है,वैसे मामलों में समस्याओं का निराकरण, ऑनलाइन रसीद निर्गत करने में सरलीकरण करने और रैयती गैर मजरूआ जमीन की लगान रसीद जारी करने का आदेश जिला प्रशासन को प्राप्त है। इसे लागू करने में जिला प्रशासन रूची नहीं दिखा रहा है। दूसरी तरफ बड़े पैसे वालों पर प्रशासन विशेष मेहरबान होती है,जिनके लिए लॉकडाउन के दौरान उन्हीं जमीनों का कई एकड़ के लिए रसीद काट दिया जाता है और गरीब मध्यम वर्गों के लोगों को नोटिस थमाकर उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। सीटू ने मुख्यमंत्री से अपील किया है कि झुमरीतिलैया की बड़ी आबादी को उजड़ने से बचाने के लिए नियमों में सरलीकरण कर पूरे नगर पर्षद क्षेत्र में फ्रेश सर्वे कराकर 220 खाता में रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिलाया जाए और तत्काल जिला प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लगायी जाए।

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