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लॉकडाउन में भी किसान महतो परिवार परंपरागत खेतीबारी कर हैं खुशहाल

लॉकडाउन में अधिकांश लोगों की रोजगार छीन गए हैं,खासकर प्रवासी मजदूरों की। जत्था के जत्था दूसरे राज्यों से अपने घर,गांव लौटने को विवश हैं। वैसे में कई सैभाग्यशाली ऐसे लोग...

लॉकडाउन में भी किसान महतो परिवार परंपरागत खेतीबारी कर हैं खुशहाल
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,कोडरमाTue, 26 May 2020 05:54 PM
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लॉकडाउन में अधिकांश लोगों की रोजगार छीन गए हैं,खासकर प्रवासी मजदूरों की। जत्था के जत्था दूसरे राज्यों से अपने घर,गांव लौटने को विवश हैं। वैसे में कई सैभाग्यशाली ऐसे लोग हैं,जो परंपराग खेती को अपनाकर खुशहाल हैं। ऐसा ही चित्रगुप्त रोड में महतो परिवार हैं,जो सबिजयों की खेती कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं। इसके अलावा पशुपालन कर अतिरिक्त आय के स्त्रोत बनाए हुए हैं। इस परिवार के विजय महतो बताते हैं कि पास अपने चार परिवार के लोग लगभग पांच एकड जमीन अलग-अलग फसलों की खेती करते हैं। इन खोतों में 12 महीने फसल उगाते हैं,जिसमें सारे पारिवारिक सदस्य लगे रहे हैं। फिलहाल खीरा,कद्दू,परोर,करैला,भिंडी,टमाटर,बोडा, झिंगी,केला आदि लगे हुए हैं। इसके अलावा बकरी और गाय पालन भी करते हैं और यह हम सभी की पुश्तैनी पेशा है। धान की फसल भी उपजाते हैं,जिसे बाजार में उपलब्ध कराते हैं। इससे आमदनी होती है। उन्होंने बताया कि अपनी खेती के सरकार से किसी तरह की मदद नहीं ली गयी है। वे बताते हैं कि उनका अपना बोरिंग है और हल बैल से आज भी खेती करते हैं। बहरहाल जहां आज वैज्ञानिक खेती को अपनाकर किसान आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं,तो महतो परिवार कोई बदलाव न कर परंपरात खेती से खुश हैं और आर्थिकोपार्जन कर रहे हैं।

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