सिखों के चौथे गुरु रामदास जी का 489 वां प्रकाश पर्व मना
सिखों के चौथे गुरु रामदास जी का 489 वां प्रकाश पर्व सोमवार की शाम को गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में धूमधाम के साथ मनाया गया। सभा के पूर्व सचिव...

झुमरीतिलैया निज प्रतिनिधि
सिखों के चौथे गुरु रामदास जी का 489 वां प्रकाश पर्व सोमवार की शाम को गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में धूमधाम के साथ मनाया गया। सभा के पूर्व सचिव यशपाल सिंह गोल्डन ने बताया कि इसके लिए शाम सात बजे से विशेष दीवान सजाया गया। इसमें रहिरास साहिब का पाठ आरती के बाद गुरु रामदास की महिमा का गुणगान किया गया। ज्ञानी राजा सिंह, हरभजन सिंह बग्गा, गुरुभेज सिंह, शम्मी सालुजा ने शब्द कीर्तन और नाम सिमरन कर संगत को निहाल किया। पूर्व सचिव श्री गोल्डन ने बताया कि गुरु साहिब का जन्म चूना मंडी लाहौर में हुआ था। इनका बचपन का नाम भाई जेठा जी था, जिसे गुरु अमरदास ने बदल कर राम दास कर दिया। इन्होंने अमृत सरोवर का निर्माण कराया और वहीं पर स्वर्ण मंदिर का निर्माण हुआ। अमृतसर नाम का शहर बसा,जो सिखों का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो इस सरोवर में स्नान करता है, उसके सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं। सभा के प्रधान हरजीत सिंह सालुजा ने संगत को बधाईया दी। सभा के साचिव गुरुभेज सिंह शम्मी ने गुरु महाराज की ऐतहासिक कार्यों का बखान किया और संगत को बधाईयां दी। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। इसमें सिख समाज के स्त्री, पुरुष, बच्चे उपस्थित थे।
