नवंबर माह के आते ही कोडरमा में ठंड पड़ने लगा है। ठंड को लेकर शहर में गरम कपड़ों की दुकानें साजने लगी हैं। दामोदर नदी से उठने वाली सर्द हवाओं ने ठंड का एहसास कराना शुरु कर दिया है। इसी के साथ ही लोगों ने गरम कपड़ों से अपने शरीर को ढकना शुरू कर दिया है। इसका प्रभाव शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में देखने को मिल रहा है। सुबह और शाम को बुजुर्गो को गरम कपड़ों में लिपटा आसानी से देखा जा सकता है। तापमान में प्रतिदिन चार से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट महसूस की जा रही है। धूप उगने पर दिन में भले ही लोग अपने घरों और प्रतिष्ठानों में पंखा चलाते दिख जाते हैं किंतु रात में बिना कंबल और चादर के नींद नहीं आती। अचानक मौसम में बदलाव से लोगों के सेहत में भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है। बदलते मौसम में बच्चे और बुजूर्ग सर्दी और जुकाम की चपेट में आ रहे हैं।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
शहर के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुनील कुमार के अनुसार दिन और रात के तापमान में काफी अंतर देखा जा रहा है। उन्होंने लोगों को शुरुआती दौर में ही सावधान और सचेत रहने की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि लोगों को ठंड के आते और जाते दोनों वक्त सावधान रहना चाहिए। खास तौर पर किसी रोग विशेष से प्रभावित व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। डॉ. सुनील ने जरूरत के अनुसार गर्म कपड़े और रात में हल्दी मिला दूध ग्रहण करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि इस मौसम में हर आयु वर्ग के लोगों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए।