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केंद्र से 227 करोड़ रुपए क्यों मांग रहा झारखंड, सोरेन सरकार ने 16 बार लिखा लेटर

झारखंड केंद्र सरकार अपने बकाया 227 करोड़ रुपए की मांग लगातार कर रहा है। झारखंड सरकार का कहना है कि पीएमजीकेएवाय के तहत केंद्र पर उसका 227 करोड़ रुपया बकाया है, जिसके लिए 16 बार लेटर लिखा जा चुका है।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तानSun, 6 July 2025 06:27 AM
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केंद्र से 227 करोड़ रुपए क्यों मांग रहा झारखंड, सोरेन सरकार ने 16 बार लिखा लेटर

कोरोनाकाल में देश में शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) का केंद्र सरकार पर झारखंड का 227.65 करोड़ रुपए बकाया है। खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा केंद्रीय मंत्रालय से 15 बार पत्राचार किया गया, बावजूद अब तक भुगतान नहीं किया गया।

पहली बार 23 दिसंबर 2021 को विभाग को पत्र लिखा गया था, जबकि अंतिम बार 25 जून 2025 को। हर पत्राचार में खाद्यान्न के अंतरराज्यीय परिवहन, हैंडलिंग तथा डीलर मार्जिन एवं अतिरिक्त डीलर मार्जिन हेतु केंद्र से बकाया राशि जारी करने की मांग की गई। जानकारी के मुताबिक केंद्र और राज्य के बीच डीलरों के कमीशन का अंतर, दूरदराज इलाकों में स्थित पीडीएस दुकानों में नेटवर्क की समस्या सहित कई कारणों को आधार बनाकर केंद्रीय मंत्रालय भुगतान नहीं कर रहा है।

कोरोना काल में शुरू हुई थी पीएमजीकेएवाई, दिसंबर 2022 में बंद

केंद्र सरकार के निर्देश पर वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक झारखंड में कई चरणों में पीएमजीकेएवाई योजना संचालित की गई थी।

यह योजना देश में कोविड-19 के अचानक फैलने से हुए आर्थिक व्यवधानों के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। कोविड संकट के मद्देनजर पीएमजीकेएवाई के तहत नि:शुल्क खाद्यान्न का आवंटन नियमित आवंटन के अतिरिक्त था। दिसंबर 2022 में योजना बंद कर दी गई थी।

531 करोड़ मिलना था, मिले 303 करोड़ रुपए

पीएमजीकेएवाई योजना के तहत राज्य के सभी 24 जिलों में सात चरणों में कुल 3,30,59,695 क्विंटल खाद्यान्न बंटा। खाद्यान्न के अंतरराज्यीय परिवहन, हैंडलिंग तथा डीलर मार्जिन एवं अतिरिक्त डीलर मार्जिन को लेकर झारखंड को केंद्रीय सहायता का कुल 531.55 करोड़ मिलना था। बावजूद कुल 303.90 करोड़ ही मिले। बकाया राशि कुल 227.66 करोड़ है।