कलश स्थापना के साथ ही आज नवरात्र आरंभ
बुधवार को कलश स्थापन के साथ ही नवरात्र आरंभ हो जाएगा। इस साल शरद नवरात्रि का शुभारंभ चित्रा नक्षत्र में मां जगदम्बे के नाव पर आगमन से शुरू हो रहा है। इस बार प्रतिपदा और द्वितीया तिथि एक साथ होने से...
बुधवार को कलश स्थापन के साथ ही नवरात्र आरंभ हो जाएगा। इस साल शरद नवरात्रि का शुभारंभ चित्रा नक्षत्र में मां जगदम्बे के नाव पर आगमन से शुरू हो रहा है। इस बार प्रतिपदा और द्वितीया तिथि एक साथ होने से मां शैलपुत्री और मां ब्रह्मचारिणी की पूजा एक दिन होगी। बजरंगबली मंदिर के पुजारी व ज्योतिषाचार्य संजय पांडेय ने कहा कि ज्योतिषीय गणना के अनुसार 10 अक्टूबर को प्रतिपदा और द्वितीया माना जा रहा है। पहला और दूसरा नवरात्र दस अक्तूबर को है। दूसरी तिथि का क्षय माना गया है। अर्थात शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी देवी की अराधना एक ही दिन होगी। कहा कि इस बार पंचमी तिथि में वृद्धि है। 13 और 14 अक्तूबर दोनों दिन पंचमी रहेगी। पंचमी तिथि स्कंदमाता का दिन है। दो दिन पंचमी रहने से मां स्कंदमाता की दो दिन पूजा की जाएगी।घट स्थापना सिर्फ एक घंटा दो मिनट: इस बार नवरात्रि घट-स्थापना के लिए बहुत ही कम समय प्राप्त हो रहा है। सुबह 6 बजकर 22 मिनट से 7 बजकर 25 मिनट तक घट स्थापना करना है। केवल एक घंटा दो मिनट के अंदर ही घट स्थापना की जा सकती है, अन्यथा प्रतिपदा के स्थान पर द्वितीया को घट स्थापना होगी। पहली बार नवरात्र की घट स्थापना के लिए काफी कम समय मिल रहा है। यदि प्रतिपदा के दिन ही घट स्थापना करनी है तो आपको केवल एक घंटा दो मिनट मिलेंगे।नाव पर आएंगी: मां का आगमन नाव से होगा और हाथी पर मां की विदाई होगी। बांग्ला पंचांग के अनुसार, देवी अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आएंगी और डोली पर विदा होंगी।