दो डकैतों को सात वर्ष का कारावास
डकैती के एक मामले में सजा के बिंदु पर अंतिम सुनवाई शनिवार को जिला जज प्रथम कमल कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय द्वारा पूरी की गई। मामले में दोनों पक्षों की पर दलील सुनने के बाद न्यायालय ने मामले के...
डकैती के एक मामले में सजा के बिंदु पर अंतिम सुनवाई शनिवार को जिला जज प्रथम कमल कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय द्वारा पूरी की गई। मामले में दोनों पक्षों की पर दलील सुनने के बाद न्यायालय ने मामले के दोनों आरोपियों गिरिडीह थाना क्षेत्र के शंकरपुर निवासी तिलक राय एवं परमेश्वर हाजरा को भादवि की धारा 412 में दोषी करार देते हुए 7 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5-5 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। इस मामले में सरकार की ओर से कुल 8 गवाहों का परीक्षण कराया गया था। सजा सुनाने के बाद आरोपियों को न्यायिक हिरासत में मंडलकारा भेज दिया गया। गौरतलब है कि डकैती के मामले में दोनों आरोपियों को 29 मई को न्यायालय द्वारा दोषी करार दिया गया था एवं सजा के बिंदु पर 30 मई की तिथि निर्धारित की गई थी।
लोक अभियोजक ने कड़ी सजा देने की मांग की थी: इससे पूर्व सजा के बिंदु पर दलील देते हुए अपर लोक अभियोजक मो बसीर अहमद खान ने न्यायालय से दोनों आरोपियों को कठोर-से-कठोर सजा देने की मांग की थी।
बचाव पक्ष के वकील ने कम सजा देने की मांग की थी: वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता अरुण कुमार बोस व उमेश कुमार सिंह ने आरोपियों की उम्र को देखकर एवं परिवार की माली हालत की दुहाई देते हुए कम-से-कम सजा देने की अपील की थी।
क्या है मामला: घटना 26 अगस्त 2010 की बताई गई है। मामले में नारायणपुर निवासी सूचक मोहनलाल पोद्दार ने मामला दर्ज कराया था। आरोप था कि घटना के दिन 5 की संख्या में आरोपियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनकी दुकान में घुसकर 7 लाख नगदी की लूट की थी एवं दहशत फैलाने के उद्देश्य से बाहर निकलकर गोली भी चलाई थी। जिसमें एक महिला घायल हो गई थी। गौरतलब है कि एक आरोपी परमेश्वर हाजरा के न्यायालय में उपस्थित नहीं रहने के कारण उसकी जमानत रद्द करते हुए न्यायालय ने सजा सुनाई। आरोपियों के विरुद्ध नारायणपुर थाना कांड संख्या 20-2010 दर्ज है।
कौन हैं सूचक मोहनलाल पोद्दार: घटना के सूचक नारायणपुर निवासी मोहनलाल पोद्दार पूर्व जिप सदस्य हैं जबकि क्षेत्र के जाने में व्यापारी भी हैं। 26 अगस्त 2010 के दिन शुक्रवार को उन्हीं की दुकान में लाखों की डकैती की घटना को अंजाम दिया गया था।