करमाटांड़ प्रखंड कार्यालय में धूल फांक रही हैं वृद्धा,दिव्यांग समेत अन्य पेंशन के आवेदन
जामताड़ा। प्रतिनिधि पिछले करीब डेढ़ वर्ष से विधवा, दिव्यांग और अन्य पेंशन से संबंधित आवेदन करमाटांड़ प्रखंड कार्यालय में धूल फांक रही हैं। जानकारी...
करमाटांड़ प्रखंड कार्यालय में धूल फांक रहे वृद्धा, दिव्यांग पेंशन के आवेदन
जामताड़ा। प्रतिनिधि
पिछले करीब डेढ़ वर्ष से विधवा, दिव्यांग और अन्य पेंशन से संबंधित आवेदन करमाटांड़ प्रखंड कार्यालय में धूल फांक रही हैं। जानकारी के अनुसार पंचायत सचिव द्वारा फरवरी माह में ही पेंशन की स्वीकृति हेतु अनुशंसा कर दी गई है। परंतु विभाग के पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण जरूरतमंद विधवा, वृद्धा एवं दिव्यांग को पेंशन से वंचित होना पड़ रहा है। लिहाजा प्रखंड कार्यालय मे लगभग 300 से 400 पेंशन से संबंधित आवेदन लंबित है। जिस कारण प्रखंड क्षेत्र के कई बुजूर्ग प्रतिदिन प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे है। पर उनकी फरियाद सुनने के बाद भी पदाधिकारियों का दिल नहीं पसीज रहा है।
दिव्यांग पुरनी देवी का तीन वर्ष से बंद है पेंशन:
करमाटांड़ के सीताकाटा पंचायत के डुमरिया गांव निवासी पुरनी देवी जो दोनों पैरों से दिव्यांग है। इन्हें करीब तीन वर्ष पूर्व तक पेंशन की योजना का लाभ मिल रहा था। परंतु किसी कारणवश साल 2018 मे पेंशन मिलना बंद हो गया। इसके बाद कई बार उनके परिजन बंद पेंशन को चालू करवाने के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाते रहे। लेकिन किसी जवाबदेह अधिकारी व कर्मी ने उनके बंद पेंशन को चालू करने की दिशा मे कोई दिलचस्पी नही दिखाई। जबकि पैर से लाचार चलने-फिरने मे असमर्थ है और वह अपनी व्यथा को सुनाने के लिए प्रखंड समेत आला अधिकारियों से संपर्क नहीं कर पा रही हैं। उन्होने प्रशासन से मांग किया है कि पेंशन दे दें तो कम से कम अपनी दवा का इंतजाम कर सकेंगे।
आवेदन जमा करने के बाद भी नुरूल अंसारी को पेंशन की नही मिली मंजूरी:
तेतुलबंधा पंचायत के दशरथपूर निवासी नूरुल अंसारी ने अपना दुख व्यक्त करते हुए बताया कि 60 वर्ष गुजरा मेरा कई वर्ष हो चुके हैं। परंतु अभी तक पेंशन चालू नहीं हुआ। जबकि कई बार पंचायत प्रखंड में हेतु आवेदन कर चुके हैं।