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कालाझरिया व मिहिजाम बैंक डकैती का उदभेदन

जामताड़ा पुलिस ने गया के लेम्बोगढ़ा गांव से एसबीआई कालाझरिया शाखा में बैंक डकैती की घटना को अंजाम देने वाले योगेन्द्र दास को गिरफ्तार कर रविवार को जेल भेज दिया है। मामला करमाटांड़ थाना से जुड़ा हुआ...

कालाझरिया व मिहिजाम बैंक डकैती का उदभेदन
हिन्दुस्तान टीम,जामताड़ाMon, 24 Sep 2018 01:59 AM
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जामताड़ा पुलिस ने गया के लेम्बोगढ़ा गांव से एसबीआई कालाझरिया शाखा में बैंक डकैती की घटना को अंजाम देने वाले योगेन्द्र दास को गिरफ्तार कर रविवार को जेल भेज दिया है। मामला करमाटांड़ थाना से जुड़ा हुआ है। 14 सितंबर को कालाझरिया बैंक से अपराधियों ने 04 लाख 20 हजार रुपए की डकैती की थी। इस घटना के विरुद्ध पुलिस ने कांड संख्या 111/18 दर्ज किया था। इस संबंध में पुलिस इंस्पेक्टर धनंजय प्रसाद सिंह ने एसबीआई कालाझरिया शाखा से बैंक डाका कांड में योगेन्द्र दास की संलिप्तता बताई है। इस लूट की घटना को अंजाम देने में कुल सात सदस्य शामिल थे जिसमें एक सदस्य की गिरफ्तारी हुई है और छह सदस्य पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। कहा कि डकैती के दौरान योगेन्द्र दास बैंक के बाहर रहकर रेकी कर रहा था। डकैती की घटना को अंजाम देकर भागने के कुछ देर बाद वह घटनास्थल से एक अन्य मोटरसाइकिल से निकल गया। इसके बाद बैंक की डकैती के दौरान हुई 04 लाख 20 रुपए को माधव दास लेकर निकल गया, जो आधे रास्ते के बाद ट्रेन पकड़कर निकल गया। माधव दास बैंक डकैती की घटना में योजना तैयार करने में मास्टर माईंड है। उनके द्वारा तैयार की गई योजना के मुताबिक बड़ी-बड़ी घटना को अंजाम दिया जाता है। गिरोह का मुख्य सरगना भी माधव दास ही है। कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा की मिहिजाम शाखा में हुई 59 लाख रुपए की डकैती की घटना में भी माधव दास के गिरोह की संलिप्तता है। परंतु उक्त बैंक डकैती की घटना में गिरफ्तार योगेंद्र दास की संलिप्तता नहीं है। पुलिस द्वारा लगातार उससे पूछताछ के बाद अपराधी ने कई और भी भेद खोले हैं, लेकिन पुलिस कुछ बताने से परहेज कर रही है। फिलहाल कालाझरिया बैंक शाखा से हुई डकैती की घटना में तीन अपराधियों की पहचान हुई है। जिसमें माधव दास, अमित दास व योगेंद्र दास शामिल हैं। ये तीनों अपराधी गया जिला के रहने वाले हैं।

डेढ़ महीने से हो रही थी बैंक की रैकी: एसबीआई कालाझरिया शाखा से डकैती की घटना को अंजाम देने से पूर्व डेढ़ महीने तक बैंक की रैकी की गई। इसके बाद डकैती की घटना के दिन ही मुख्य सरगना समेत सभी सात सदस्यों की मुलाकात करमाटांड़ में किसी स्थान पर हुई। इसके बाद सरगना ने सभी सात सदस्यों को योजना की पूरी जानकारी दी। फिर डकैती की घटना के बाद से ही किसी भी सदस्य का एक-दूसरे से मुलाकात नहीं है और न ही आपस में हिस्सेदारी का बंटवारा हुआ है। डकैती की घटना की सारी रकम माधव दास के पास है। डकैती की घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों को यह भनक थी कि कालाझरिया बैंक साइबर के गढ़ में है। जहां बड़े रकम का लेन-देन होता होगा। वही डकैती की घटना से सूचना के विपरीत अपराधियों को काफी कम रकम ही मिल पाई।

मिहिजाम बैंक डकैती की घटना में 06 शामिल: बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में हुई डकैती में भी माधव दास सरगना का ही हाथ है। जिसमें माधव दास के अलावे, अमित दास, राजेश दास उर्फ आकाश दास उर्फ पंकज दास व ओमप्रकाश शामिल हैं। फिलहाल राजेश दास उर्फ आकाश दास व ओमप्रकाश ओडिसा के जेल में बंद हैं। इन दोनों की गिरफ्तारी जुलाई महीने में बाराचट्टी थाना क्षेत्र से हुई थी।

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