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हिलरोड शिवालय में बनारस से शिवलिंग लाकर किया स्थापित

हिलरोड के दो नंबर गेट के समीप शिवालय की स्थापना 1957 में हुई थी। इसकी स्थापना में स्व: अयोध्यानाथ पाठक ने अहम भूमिका निभाई...

हिलरोड शिवालय में बनारस से शिवलिंग लाकर किया स्थापित
हिन्दुस्तान टीम,जामताड़ाWed, 22 Aug 2018 09:15 PM
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हिलरोड के दो नंबर गेट के समीप शिवालय की स्थापना 1957 में हुई थी। इसकी स्थापना में स्व: अयोध्यानाथ पाठक ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्हीं के प्रयास से हिलरोड में शिवमंदिर की नींव रखी गई। मंदिर की चाहरदिवारी का निर्माण भी कराया गया। नींव रखे जाने के बाद स्व: अयोध्यानाथ पाठक ने स्थानीय लोगों को लेकर एक कमेटी बनाई। उनके सुपुत्र भोलानाथ पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरे पिता स्व: अयोध्यानाथ पाठक द्वारा मंदिर के निर्माण में कारगर भूमिका निभाई थी। इसके बाद से शिवमंदिर के रखरखाव के प्रति किसी ने ध्यान देना उचित नहीं समझा। महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर का रंगरोगन कराया जाता है। मंदिर में पूजा अर्चना तो नियमित श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है। परंतु साफ-सफाई के प्रति लोग गंभीर नहीं दिखते हैं। जिस कारण मंदिर के चाहरदिवारी के भीतर जंगल झाड़ उग आए हैं। बनारस से मंगाई गई थी शिवलिंग: जानकार बताते हैं कि बनारस से शिवलिंग को लाकर मंदिर में स्थापित की गई थी। शिवलिंग के स्थापना के बाद वैदिक मंत्रोच्चार से शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की गई। प्राण प्रतिष्ठा के दिन मंदिर में विशेष पूजा अर्चना पुरोहितों द्वारा की गई थी। महाशिवरात्रि में धूमधाम से होती है पूजा: महाशिवरात्रि पर यहां धूमधाम से पूजा अर्चना की जाती है। मंदिर का रंगरोगन कराया जाता है। रंग-बिरंगी विद्युत सज्जा से मंदिर को सजाया जाता है। वहीं सावन के प्रत्येक सोमवारी पर शिव को जलार्पण करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।

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