एएनएम ट्रेनिंग सेंटर भवन बनने के बाद भी चालू नहीं
जिले में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से करोड़ों की लागत से बना एएनएम ट्रेनिंग सेंटर यूं ही बेकार पड़ा है। सदर अस्पताल के सामने बना एएनएम ट्रेनिंग सेंटर का वर्ष 2011 में दो करोड़ एक लाख 64...
जिले में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से करोड़ों की लागत से बना एएनएम ट्रेनिंग सेंटर यूं ही बेकार पड़ा है। सदर अस्पताल के सामने बना एएनएम ट्रेनिंग सेंटर का वर्ष 2011 में दो करोड़ एक लाख 64 हजार चार सौ रुपए की लागत से निर्माण हुआ है। लेकिन आज तक इसे प्रारंभ करने की दिशा में सरकार ने पहल नहीं की। वहीं जिला स्तर पर सेंटर को प्रारंभ करने के लिए उपस्कर और उपकरण का क्रय करने व पद सृजित करने की दिशा में विभाग की ओर से आज तक आदेश नहीं मिला।संसाधन व उपस्कर की नहीं हुई खरीदारी : ट्रेनिंग सेंटर बनने के बाद 2012 में इसे चालू करवाने को लेकर राज्य ने जिला से प्रस्ताव की मांग की थी। जिसमें जिला स्तर से प्रस्ताव में मानव संसाधन से लेकर उपस्कर तक की सूची दी गई थी। ट्रेनिंग सेंटर को चालू करने के लिए कुल आठ पदों पर सृजित करने का प्रस्ताव तैयार कर भेजा था। जिसमें एक प्राचार्य, एक ट्यूटर, एक क्लर्क, एक चपरासी, एक कुक, एक हाउसकीपर, एक ड्राइवर और एक क्लिनर का पद शामिल था। इसके लिए पद के अनुरूप ग्रेड पे के आधार पर 38 लाख 88 हजार का आवंटन एक वर्ष के वेतन के लिए मांग की गई थी।सेंटर में हैं 15 सीट : एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में 15 सीट रखा गया है। जहां प्रतिवर्ष 15 लड़कियों को एएनएम का प्रशिक्षण मिलेगा। फिलहाल जामताड़ा जिला के लड़कियों को एएनएम ट्रेनिंग के लिए देवघर, धनबाद, रांची, जमशेदपुर जाना पड़ता है। ट्रेनिंग सेंटर को बना दिया गोदाम : एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में कभी कभार सहिया को प्रशिक्षण देने का कार्य होता है। वहीं कई कमरे को विभाग द्वारा गोदाम बना दिया है। जहां से पूरे जिले को दवा आपूर्ति की जाती है। जिला प्रशासन ने हाल के दिनों में लाखों रुपए खर्च कर ट्रेनिंग सेंटर का रंग-रोगन का कार्य किया है।