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चिंताजनक : घटती जा रही है टाटा जू में जानवरों की संख्या

टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में जानवर घटते जा रहे हैं। तीन वर्षों में 120 से ज्यादा पशु-पक्षियों की मौत के अलावा डक पार्क, मछली घर और कछुआ घर भी बंद हो जाने से आकर्षण घट गया है। जानवरों के घटने की वजह...

चिंताजनक : घटती जा रही है टाटा जू में जानवरों की संख्या
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरWed, 04 Apr 2018 07:40 PM
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टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में जानवर घटते जा रहे हैं। तीन वर्षों में 120 से ज्यादा पशु-पक्षियों की मौत के अलावा डक पार्क, मछली घर और कछुआ घर भी बंद हो जाने से आकर्षण घट गया है। जानवरों के घटने की वजह कर्मचारियों की कमी, सफाई का अभाव और एडॉप्शन में रुचि न होना है।

जू में बना मछली घर दो वर्षों से बंद है। इस वजह से चिड़ियाघर में आने वाले पर्यटक मायूस हैं। वहीं, डक पार्क में पहले दर्जनभर बत्तख आंगतुकों को आकर्षित करते थे। इसके अलावा एक-एक कर कछुओं के मरने से कछुआ घर भी बंद कर दिया गया। यहां करीब 70 कछुए लाए गए थे।

जीव विशेषज्ञों का कहना है कि पक्षियों को उनके अनुकूल पर्यावरण में ही रखा जा सकता है। जुबली पार्क के आसपास का वातावरण खराब होता जा रहा है। पक्षियों के नहीं आने या मरने का मुख्य कारण वातावरण में परिवर्तन होना है। जू प्रशासन के अनुसार मछली घर को मरम्मत करने के लिए बंद किया गया था, जल्द ही शुरू करने पर भी विचार किया जाएगा। इसके अलावा जानवरों को बचाकर रखने के लिए कोशिश की जा रही है।

जू में घूमने आए परवीन ने बताया कि वे कई वर्षों से यहां आ रहे हैं, पहले उन्हें जू के मछली घर में कई प्रजाति की मछलियां थीं, साथ ही पक्षियों की आवाज रोमांचित करती थी, लेकिन अब जानवरों की संख्या कम होने से निराशा होती है।

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