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वर्कर्स कॉलेज में नौ माह मुफ्त में काम कराया और गटक गए मानदेय

नौ महीनों तक मुफ्त में शिक्षण कार्य कराया और मानदेय गटक गये। मामला मानगो स्थित वर्कर्स कॉलेज से जुड़ा हुआ है, जहां इंटरमीडिएट संकाय में नियुक्त किये गये आउटसोर्स शिक्षकों के साथ धोखाधड़ी की बात सामने...

वर्कर्स कॉलेज में नौ माह मुफ्त में काम कराया और गटक गए मानदेय
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरThu, 23 May 2019 03:01 PM
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नौ महीनों तक मुफ्त में शिक्षण कार्य कराया और मानदेय गटक गये। मामला मानगो स्थित वर्कर्स कॉलेज से जुड़ा हुआ है, जहां इंटरमीडिएट संकाय में नियुक्त किये गये आउटसोर्स शिक्षकों के साथ धोखाधड़ी की बात सामने आई है। पीड़ित शिक्षकों ने बताया कि उन्हें मई में सूत्रों से सूचना मिली थी कि वर्कर्स कॉलेज में इंटर के लिए शिक्षकों की आवश्यकता है। उन्होंने जाकर कॉलेज में अपने रिज्यूम दिये, जिन्हें मोबाइल पर मैसेज भेजकर जून 2018 में साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। इनमें से 32 शिक्षकों का चयनकर उन्हें मोबाइल पर सूचना देकर अगस्त से ज्वाइन करने के लिए कहा गया। शिक्षकों ने कक्षाएं लेनी आरंभ कर दीं। पर, तीन माह के बाद कई शिक्षकों को यह कहकर हटा दिया गया कि जैक की ओर से एक विषय पर केवल एक ही शिक्षक रखने का नियम है। बाद में कुछ शिक्षकों को शिक्षण कार्य के लिए बुला लिया गया। मार्च 2019 तक इन शिक्षकों से शिक्षण कार्य कराया गया। इक्का-दुक्का शिक्षकों को ही काट-छांट कर मानदेय दिया गया, पर अधिकतर को अगस्त 2018 से लेकर मार्च 2019 तक फूटी कौड़ी भी मानदेय नहीं दिया गया। शिक्षकों द्वारा कॉलेज प्राचार्य से आरटीआई के माध्यम से मांगी गई जानकारी से पता चलता है कि इन शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी तरीके से की गई है। दरअसल, नियुक्ति के संबंध में कोई भी विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया गया, न ही जैक से पूर्व में कोई अनुमति ली गई। जबकि, नियुक्ति के लिए ये दोनों ही अनिवार्य है। आरटीआई के जवाब में साफ तौर पर कहा गया है कि प्राचार्य स्तर से स्वविवेक से नियुक्ति की है। पीड़ित शिक्षकों ने बताया कि मानदेय के संबंध में उन्होंने व्यक्तिगत रूप से जब जैक से जानकारी मांगी तो पता चला कि हटाये गये शिक्षकों के संबंध में कॉलेज प्रबंधन की ओर से जैक को लिखकर दिया गया है कि उक्त सभी शिक्षक महज अनुभव प्राप्त करने के लिए नि:शुल्क रूप से शिक्षण कर रहे थे। जबकि, शिक्षकों को मानदेय के आधार पर नियुक्ति की गई थी। इन शिक्षकों को नियमत: 300 रुपये प्रति क्लास की दर से कॉलेज के फंड से मानदेय का भुगतान होना था। शिक्षकों द्वारा कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ कई बार जैक और विवि को शिकायत की जा चुकी है, पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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