महिलाओं की हीमोफीलिया जांच जरूरी : सीएस
सिविल सर्जन डॉ. महेश्वर प्रसाद ने कहा कि बच्चे को हीमोफीलिया हो, इससे पहले महिलाओं की जांच आवश्यक है। यह अनुवांशिक रोग है, जिसके लिए जागरूकता जरूरी है। यदि मां को में इसके लक्षण पाए जाते हैं तो जन्म...
सिविल सर्जन डॉ. महेश्वर प्रसाद ने कहा कि बच्चे को हीमोफीलिया हो, इससे पहले महिलाओं की जांच आवश्यक है। यह अनुवांशिक रोग है, जिसके लिए जागरूकता जरूरी है। यदि मां को में इसके लक्षण पाए जाते हैं तो जन्म लेने वाला बच्चा इस रोग से ग्रसित होगा। स्वास्थ्य विभाग इसकी दवा फैक्टर आठ नि:शुल्क उपलब्ध कराती है, लेकिन और जल्द ही फैक्टर नौ और सात दोनों मिलने लगेंगे।
यह बातें उन्होंने बुधवार को साकची स्थित बंगाल क्लब में हीमोफीलिया सोसाइटी द्वारा आयोजित विश्व हीमोफीलिया दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।
कार्यक्रम में एमजीएम अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. नकुल चौधरी ने कहा कि इस बीमारी के उपचार के लिए जो जरूरतमंद हैं, वे अस्पताल आएं। वे मदद को तैयार हैं।
ब्लड बैंक के प्रशासक संजय चौधरी ने कहा कि इस अनुवांशिक विकार को रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है जांच कराना। यह बीमारी अधिकतर पुरुषों में होती है, लेकिन महिलाओं से फैलती है। इस कारण आवश्यकता इस बात की है कि इसके लिए संरक्षात्मक उपाय किए जाएं।
ब्लड बैंक के सचिव डॉ. सुनील मुखर्जी ने कहा कि शादी के वक्त पत्नी की हीमोफीलिया लक्षण की जांच कराएं। यदि उसमें यह पाया जाता है तो शादी से बेहतर है कि युवक विवाह करने के बजाए उससे राखी बंधवा ले।
इस अवसर पर डॉ. अनिल मुखर्जी ने कहा कि अगर हीमोफीलिया पीड़ित को फैक्टर की जरूरत नहीं है, उसे मत लीजिए। वह दूसरों के काम आएगा। आयोजक सौमित्रा हाजरा ने कहा कि उनका मकसद हीमोफीलिया जैसी बीमारी से लोगों को निजात दिलाना है।
कार्यक्रम में को डॉ साहिर पॉल, आईएमए के अध्यक्ष डॉ. मृत्युंजय सिंह, अल्पना भट्याचार्य, सुनील मुखर्जी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कई हीमोफीलिया पीड़ित बच्चों के बीच कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।