महिलाओं के हक की लड़ाई तेज़ करेगी इंटक, जमशेदपुर में मिला संबल और सम्मान
जमशेदपुर में राष्ट्रीय इंटक महिला विंग ने महिला कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण सह सम्मान समारोह का आयोजन किया। इसमें महिलाओं को उनके अधिकारों और श्रम कानूनों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में शोषण और...

जमशेदपुर।राष्ट्रीय इंटक महिला विंग की ओर से रविवार को कदमा स्थित क्षत्रिय संघ कार्यालय में रविवार को प्रशिक्षण सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विशेष रूप से विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए आयोजित किया गया था, जिसमें उन्हें भारतीय संविधान के तहत प्राप्त अधिकारों और श्रम कानूनों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय इंटक महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष देविका सिंह ने की, जबकि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नूरजहां खान वारसी और पूर्वी सिंहभूम कांग्रेस के, निवर्तमान जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में भी बड़ी संख्या में महिला श्रमिक शोषण और असमानता का सामना कर रही हैं।
उन्हें न तो न्यूनतम वेतन मिल रहा, और न ही सुरक्षित कार्यस्थल की गारंटी। ऐसे में उनका कानूनी रूप से जागरूक होना अत्यंत आवश्यक है।देविका सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संविधान ने महिलाओं को विशेष अधिकार दिए हैं, लेकिन कंपनियों और ठेकेदारों के द्वारा उनका खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। उनकी कोशिश है कि हर क्षेत्र में महिला कर्मचारियों का यूनियन गठित कर, हम उन्हें संगठित करें और प्रबंधन व ठेकेदारों से उनके हक की लड़ाई मजबूती से लड़ें। नूरजहां वारसी ने बताया कि इंटक महिला विंग पूरे देश में महिला कर्मचारियों को संगठित कर उनके अधिकारों को सुरक्षित कराने की दिशा में काम कर रही है। दीपावली उपहार व सम्मान इस अवसर पर कार्यक्रम में शामिल सभी महिला कर्मचारियों को दीपावली उपहार प्रदान किया गया तथा विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रही महिलाओं को सम्मानित भी किया गया। कांग्रेस जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे ने कहा कि कांग्रेस का संगठन हमेशा से शोषित वर्ग, मजदूरों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ा रहा है। इंटक महिला विंग की यह पहल सराहनीय है। महिलाओं ने साझा किए अनुभव कार्यक्रम के दौरान कई महिला कर्मचारियों ने अपने कार्यस्थल पर हो रहे शोषण, वेतन कटौती और सुरक्षा की कमी जैसे मुद्दों को भी मंच से साझा किया। इंटक की ओर से उन्हें कानूनी सहायता और संगठनात्मक सहयोग का आश्वासन दिया गया।ट्रेड यूनियन के जानकारों का कहना है कि यह आयोजन न केवल महिला कर्मचारियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का माध्यम बना, बल्कि उन्हें संगठित कर एकजुट होकर संघर्ष करने की प्रेरणा भी प्रदान की।
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