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डायन हत्या : हत्या साइकिल से ले गये दोनों लाशें

पूर्वी सिंहभूम के गुड़ाबांदा के रामाताड़ी में मां-बेटी की हत्या डायन संदेह में की गई थी, लेकिन हत्यारों को बचाने के लिए नकाबपोश का नाम दिया गया। हत्या के बाद लाश को साइकिल से ले जायी गयी थी। मंगलवार...

डायन हत्या : हत्या साइकिल से ले गये दोनों लाशें
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरFri, 15 Sep 2017 07:03 PM
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पूर्वी सिंहभूम के गुड़ाबांदा के रामाताड़ी में मां-बेटी की हत्या डायन संदेह में की गई थी, लेकिन हत्यारों को बचाने के लिए नकाबपोश का नाम दिया गया। हत्या के बाद लाश को साइकिल से ले जायी गयी थी। मंगलवार को घाटशिला में उस इलाके के थानेदारों की एएसपी ऑपरेशन प्रणवानंद झा ने बैठक बुलाई थी। वहीं पता चला कि रविवार से गुड़ाबांदा के रामाताड़ी गांव की मां-बेटी लापता हैं और गांव वाले कह रहे हैं कि नकाबपोश नक्सली जैसे दिखने वाले पांच लोग आए थे जो उन दोनों को उठाकर ले गए। ग्रामीणों की बात पर नहीं था विश्वास : पुलिस को नक्सलियों के मूवमेंट और उनके ठिकाने के बारे में पहले से मालमू था लिहाजा गांव वालों की बात उनके गले नहीं उतरी। इसलिए एएसपी प्रणवानंद झा ने डीएसपी अजीत कुमार विमल और पुलिस दल को उस गांव में भेजा। थोड़ी देर बाद वे बैठक खत्म कर उस गांव में गए।टूटे घर में मिले खून के निशान : गांव में उस घर में गए जहां दोनों रहते थे तो वहां टूटा हुआ गले का हार, उसकी मोती और कुछ खून के निशान मिले। इसबीच पता चला कि उस दिन एक महिला भी उस घर में थी जो मृकका रोदाई बोदरा के छोटे भाई की पत्नी है। वह लापता होने के दूसरे दिन अपने मुसाबनी सुरदा स्थित घर चली गई है। उसका नाम सामी बोदरा बताया गया। पुलिस की टीम सुरदा पहुंची जहां सामी अपने घर में मिल गई। उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह धालभूमगढ बाजार गई थी। रात होने के चलते उस घर में रुक गई। रात में पांच युवक आए थे जिसमें दो काली जींस पैंट और सफेद शर्ट पहने हुए थे। वे कह रहे थे कि बहुत डायन करती है। गांव को बर्बाद कर दिया है। यह कहते हुए उसे अपने साथ ले गए। दोबारा जांच करने पहुंची पुलिस : पुलिस ने सामी को वहीं छोड़ दिया और दोबारा उस गांव में लौटकर आई। वहां पूरे गांव को बाहर निकाला गया और एक- एक कर लोगों से पूछताछ शुरू की। गांव में कोई कुछ कहने को तैयार नहीं था। शाम हो गई थी लिहाजा पुलिस ने जांच वहीं रोक दी और गांव से वापस लौट आई। कुछ बोलने को नहीं तैयार थे लोग : दोबारा बुधवार सुबह से जांच शुरू हुई। पूरे गांव को उसी तरह बाहर निकाला गया। गांव वालों से कहा गया कि जिस तरह से कान्हू मुंडा और दूसरे नक्सलियों को उनके समर्पण करने पर राहत दी गई है ठीक उसी तरह यदि कोई इस घटना की हकीकत बताता है या फिर जो शामिल है वह सामने आता है तो उसे राहत दिया जाएगा। लेकिन सब ने अपनी जुबान पर ताला लगा लिया था और कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं था। मेरी मां को लोग कहते थे डायन : इसी बीच दोपहर 12 बजे मृतका का बेटा जो संबलपुर में रहता है वह गांव में आ गया। पुलिस वहीं तफ्तीश कर रही थी। वह रोते हुए कहने लगा कि उसकी मां और बहन को मार दिया गया है। पुलिस ने उससे पूछा कि उसे कैसे मालमू कि वे मार ही दिए गए हैं तो उसने कहा कि हां उसे मालमू है उन्हें मार दिया गया है, लोग उसे डायन कहते थे। ग्राम प्रधान समेत 12 हिरासत में : उसके इस बयान के बाद गांव प्रधान सहित 12 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया, जिसमें चार वे लोग थे जिनके पास काला जींस पैंट और सफेद शर्ट थे। उन्हें थाना लाकर पूछताछ शुरू की गई। एक टीम उनसे पूछताछ कर रही थी तो दूसरी टीम ने सीआरपीएफ से खोजी कुत्ता लेकर उस गांव के आसपास महिलाओं को ले जाने की दिशा का पता लगा रही थी। कुत्ता एक रास्ते पर बार- बार जा रहा था, लेकिन उससे आगे का रास्ता न तो कुत्ते को समझ आ रहा था न ही जांच टीम को। इस बीच गांव की एक महिला चुपचाप आई और एएसपी प्रणवानंद को बताई कि रात में उसी तरफ उन्हें ले जाया गया है जिस तरफ कुत्ता जा रहा है। पुलिस उस रास्ते से आगे बढ़ी जो धानतोपा पहाड़ की तरफ जाता था जो उस गांव से लगभग सात किमी दूर था। हत्यारा

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