कहां से आएंगे इतने चार्टर्ड एकाउंटेंट!
गुड्स एंड सर्विस टैक्स पोर्टल पूरी तरह से इंफोरमेंशन टेक्नोलॉजी पर निर्भर है। इसमें सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होंगी। निकट भविष्य में अधिकतर व्यापारियों को जीएसटी विशेषज्ञ और चार्टर्ड एकाउंटेंट की जरूरत...
गुड्स एंड सर्विस टैक्स पोर्टल पूरी तरह से इंफोरमेंशन टेक्नोलॉजी पर निर्भर है। इसमें सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होंगी। निकट भविष्य में अधिकतर व्यापारियों को जीएसटी विशेषज्ञ और चार्टर्ड एकाउंटेंट की जरूरत पड़ने वाली है। लेकिन सवाल उठता है कि जितनी बड़ी संख्या में जीएसटी में व्यापारी माइग्रेट हो रहे हैं। उसके लिए कहां से आएंगे चार्टर्ड एकाउंटेंट व विशेषज्ञ। एक वर्ष में व्यापारी जहां अब तक 22 रिटर्न भरते थे। गुड्स एंड सर्विस टैक्स प्रभावी होने के बाद प्रत्येक व्यापारी को एक माह में तीन रिटर्न (एक वर्ष में 37) दाखिल करना होगा। व्यापारी चाहे तो खुद से ऑनलाइन रिटर्न भर सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें हर दिन खरीद-बिक्री का लेखा-जोखा ऑनलाइन रजिस्टर करना होगा। ऐसे में व्यापारी अपना व्यापार करेंगे या लेखा-जोखा का ब्यौरा रखेंगे। उन्हें इसके लिए विशेषज्ञ की मदद लेना पड़ेगा लेकिन ऐसे विशेषज्ञों की भारी कमी शहर में होने वाली है। सभी प्रक्रियाएं होंगी ऑनलाइन देश में जीएसटी प्रभावी होने के बाद माइग्रेट व्यापारियों को खरीद-बिक्री सहित इनपुट, आउटपुट का पूरा विवरण ऑनलाइन रखना होगा। माल को सेंट्रल जीएसटी या स्टेट जीएसटी के तहत खरीदा या बेचा गया। इसकी विस्तृत जानकारी देनी होगी। खरीद विवरण अपने आप पोर्टल में जनरेट होगा तो बिक्री का विवरण को प्रत्येक माह 10, 15 और 20 तारीख को डालना होगा। जीएसटी पोर्टल जावा प्लेटफार्म में बना है, इसका ज्ञान भी उन्हें होना जरुरी है। इसलिए व्यापारी अभी तय कर लें कि वे खुद इसका संचालन करेंगे या विशेषज्ञ की मदद लेंगे। दोनो ही सूरत में उन्हें अभी से प्लानिंग करना होगा।