ट्रेन से जख्मी गाय तीन दिनों तक पड़ी रही और न तो राहगीर और न ही नगर परिषद के लोगों ने उस पर घ्यान दिया। आखिरकार मंदिर के पुजारी ने इस मामले को जिले के मुखिया उपायुक्त के समक्ष उठाया। इसके साथ नगर परिषद के कर्मचारी रेस हो गये और घायल गाय को गौशाला पहुंचाया गया। हालांकि यह यह गाय अपने एक साथ से बिछुड़ गई। ट्रेन से कटने से उसकी मौत हो गई। मामला जुगसलाई नगर परिषद का है।
यहां तीन दिन पहले ट्रेन की चपेट में दो गायें घायल हो गई। एक गाय ने कुछ देर बाद दम तोड़ दिया। इस बारे में नगर परिषद की उदासीनता के बाद स्टेशन रोड शनि मंदिर के पुजारी बाबा दामोदर बाबा ने उपायुक्त को पत्र लिखा था। उपायुक्त के आदेश पर नगर परिषद कर्मचारियों व पशु चिकित्सकों की टीम जेसीबी लेकर पहुंची। स्थानीय लोगों की मदद से मवेशी को उठाकर गौशाला पहुंचाया गया। लोगों के अनुसार, मवेशी तीन दिन पूर्व ट्रेन की चपेट में आकर जख्मी हो गया था, जबकि दूसरे मवेशी की मौत हो गई थी। इससे यात्री ट्रेन रुकी थी, लेकिन रेलवे ने मवेशी को लाइन से उठाना जरूरी नहीं समझा। शनि मंदिर के पुजारी के प्रयास से मवेशी की जान बची है।