पोलियो से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी : स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सभी बैक्टीरियल बीमारी, जिसपर रोकथाम संभव है, उसके लिए अभियान चलेगा। पल्स पोलियो का 13 जनवरी 2011 में अंतिम...

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सभी बैक्टीरियल बीमारी, जिसपर रोकथाम संभव है, उसके लिए अभियान चलेगा। पल्स पोलियो का 13 जनवरी 2011 में अंतिम मरीज पकड़ में आया था। लेकिन पड़ोसी देशों में अब भी पोलियो सक्रिय है। इसलिए हमें सतर्कता बरतनी है। कालाजार का भी खात्मा करना है, जो मिट्टी वाले घरों में मवेशियों के चलते आता है। इसमें एहतियात बरतनी है। ये बातें उन्होंने उलीडीह में रविवार को पल्स पोलिया के राज्यस्तरीय कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में कहीं।
उन्होंने कहा कि इस बार 7 लाख 8 हजार लोगों को पोलियो की दवा देने का लक्ष्य है। इसके लिए 24 हजार 334 बूथ बनाए गए हैं। झारखंड में कुछ ऐसी बीमारियां भी हैं, जिनके खात्मे के लिए कारगर कदम उठाए गए हैं। तीन ऐसे जिले हैं, जहां कालाजार है। हम जल्द ही कालाजार को भी खत्म करेंगे। सिकलसेल एक बीमारी होती है, जिसके लिए अबतक कोई दवाई नहीं बनी है। इसमें नहीं चाहकर भी गर्भपात करना पड़ता है। चिकनगुनिया का प्रकोप थमा है। वे चिकित्सकों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाएंगे, ताकि वे मरीजों को खुश करें।
इस अवसर पर डॉ. अजीत कुमार ने कहा कि यहां 10 साल की उपलब्धि मना रहे हैं। लेकिन खतरा बरकरार है। जबतक विश्व में कहीं ना कहीं पोलियो रहेगा, हम बच्चों को पोलियो की खुराक देते रहेंगे।
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. कृष्ण कुमार ने कहा कि 1988 से पल्स पोलियो अभियान पूरे विश्व में चालू किया गया। 2011 से झारखंड पोलियो मुक्त है। 2008 में पाकुड़ में एक मरीज मिला था उसके बाद से झारखंड में पोलियो मरीज नहीं मिला। उद्घाटन के दौरान मंत्री का स्वागत आदिवासी नृत्य के साथ हुआ। पहली बच्ची मानगो टैंक रोड की एक माह की रिद्धि को खुराक दी गई। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के झारखंड प्रमुख डॉ. सुब्रमण्यम ने भी विचार व्यक्त किए। स्वागत भाषण सिविल सर्जन डॉ . आरएन झा ने दिया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन एसीएमओ डॉ. साहिर पॉल ने किया। इस अवसर पर एसडीओ नीतीश कुमार, डॉ. एके लाल, डॉ. बीएन उषा, नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी दीपक सहाय, जिला कांग्रेस के अध्यक्ष विजय खां सहित अन्य लोग मौजूद थे।
जिले के 3 लाख 28 हजार 359 बच्चों को दवा
पहले दिन पूर्वी सिंहभूम के कुल 3 लाख 28 हजार 359 बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के 164627, जबकि शहरी क्षेत्र के 163732 बच्चे हैं। अभियान 9688 केंद्रों पर चला, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में 3905, जबकि शहरी क्षेत्र में 5783 केंद्र थे।
