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दो ने दी अस्पताल को जमीन चाहिए 13 लोगों को नौकरी

पटमदा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) माचा के लिए दो लोगों ने जमीन दी थी। मगर उनके करीब 13 आश्रित आज नौकरी का दावा कर रहे हैं। नौकरी मिलने के कारण 2014 से तैयार सीएचसी का उद्घाटन लटका हुआ है।...

दो ने दी अस्पताल को जमीन चाहिए 13 लोगों को नौकरी
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरTue, 30 Oct 2018 07:17 PM
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पटमदा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) माचा के लिए दो लोगों ने जमीन दी थी। मगर उनके करीब 13 आश्रित आज नौकरी का दावा कर रहे हैं। नौकरी मिलने के कारण 2014 से तैयार सीएचसी का उद्घाटन लटका हुआ है। कारण, आश्रित बिना नौकरी दिए उद्घाटन का विरोध कर रहे हैं। प्रशासन विवश है। कारण जमीन का विधिवत अधिग्रहण हुआ नहीं है। जमीन आज भी रैयतों के नाम पर ही है।यह मामला एक बार फिर गत 26 अक्तूबर को जिला योजना समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा के समक्ष उठा। सिविल सर्जन डॉ. महेश्वर प्रसाद ने लिखित जानकारी दी कि रैयत के 25 से 30 वंशज नौकरी का दावा कर रहे हैं। इस पर निर्णय हुआ कि दो लोगों को अनुबंध वाली नौकरी देकर बाकी सदस्यों को कौशल विकास योजना के तहत तकनीकी प्रशिक्षण दिलाई जाए। दूसरी ओर, जमीनदाता अजीत कुमार दत्त का दावा है कि उपायुक्त ने उन्हें दो लोगों को स्थायी सरकारी नौकरी देने का वादा किया है। मगर वे चाहते हैं कि परिवार के 13 लोगों को नौकरी मिले, भले अनुबंध आधारित ही क्यों न हो। आश्वासन पर हुआ था शिलान्यास : 5 मार्च 2008 को सीएचसी का शिलान्यास हुआ था। शिलान्यास दो खाते की 3 एकड़ 22 डिसमिल रैयती जमीन पर हुआ था जो गोविन्द दत्त और ललित मोहन दत्त की थी। इनके वंशज अजीत कुमार दत्त कहते हैं कि तत्कालीन विधायक दुलाल भुइयां ने आश्वासन दिया कि उन्होंने बिना सोचे समझे जमीन दे दी थी। मगर बड़ा सवाल यह है कि बिना विधिवत जमीन अधिग्रहण किए करीब ढाई करोड़ रुपये का भवन कैसे खड़ा कर दिया गया। कोड़ा थे सीएम, शाही स्वास्थ्य मंत्री राज्य में मधु कोड़ा की सरकार थी जिसके स्वास्थ्य मंत्री भानु प्रताप शाही थे। शिलान्यास शाही ने ही किया था।

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