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चाकुलिया के दो संपन्न लोग तीन साल से लेते रहे गरीबों का अनाज

संपन्न और सक्षम होने के बावजूद अंत्योदय कार्ड बनाकर हर महीने राशन उठाने वाले दो लोगों पर प्रशासन की गाज गिर गई है। इनके नाम राजेन्द्र सिंह और रवीन्द्र सिंह हैं। इनके कार्ड को रद्द करते हुए दोनों ने...

चाकुलिया के दो संपन्न लोग तीन साल से लेते रहे गरीबों का अनाज
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरWed, 04 Sep 2019 05:41 PM
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संपन्न और सक्षम होने के बावजूद अंत्योदय कार्ड बनाकर हर महीने राशन उठाने वाले दो लोगों पर प्रशासन की गाज गिर गई है। इनके नाम राजेन्द्र सिंह और रवीन्द्र सिंह हैं। इनके कार्ड को रद्द करते हुए दोनों ने जितने अनाज का उठाव आज तक किया, उसकी कीमत की वसूली बाजार दर से करने का आदेश जारी हुआ है। इस मामले में संबंधित राशन डीलर मदन लाल अग्रवाल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है।

विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी (एसओआर) सह जिला आपूर्ति पदाधिकारी नवीन कुमार ने मंगलवार शाम इस आशय का आदेश जारी किया। जिले में अपने तरह की इस सख्त कार्रवाई से गलत तरीके से अंत्योदय व पीएच कार्ड बनाने वालों में खलबली मच गई है।

21 जून 2019 को अर्जुन टुडू एवं अन्य ने इस मामले में झारखंड राज्य खाद्य आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी से शिकायत की थी। उन्होंने राजेन्द्र सिंह (अंत्योदय कार्ड संख्या 202005840845) और रवीन्द्र सिंह (अंत्योदय कार्ड संख्या 202005840745) के कार्ड का विवरण भी दिया था। एसओआर ने इस मामले की जांच चाकुलिया के अंचलाधिकारी सह प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी से कराई थी। उन्होंने जांच रिपोर्ट में दोनों को संपन्न एवं दबंग बताया है। इसके कारण ये अंत्योदय या पीएच कार्ड के हकदार नहीं हो सकते।

डीलर पर मामला छिपाने के कारण कार्रवाई

पीडीएस डीलर मदन लाल अग्रवाल पर इसलिए कार्रवाई हुई, क्योंकि यह माना गया है कि उसने जानकारी होते हुए भी अपने निरीक्षण पदाधिकारियों को कभी यह बात नहीं बताई। इससे स्पष्ट हो गया है उसने जानबूझ कर तथ्यों को छिपाया। उसके इस कृत्य को विभागीय आदेश का उल्लंघन माना गया है।

50-50 हजार की होगी वसूली

राजेन्द्र सिंह और रवीन्द्र सिंह से लगभग 50-50 हजार रुपये की वसूली होगी। दोनों के राशन कार्ड पर अक्तूबर 2016 से ही राशन का उठाव हो रहा है। अंत्योदय कार्ड होने के कारण इन्हें हर माह 35 किलो चावल-गेहूं एक रुपये किलो की दर से मिला। पर राज्य खाद्य निगम के अनाज की दर 40 रुपये किलो है। इस नाते 35 माह के दौरान इन्होंने एक कार्ड पर 1225 किलो अनाज का उठाव किया। 40 रुपये की दर से इसका मूल्य 49 हजार रुपये बनता है। चीनी व नमक आदि की कीमत जोड़ दी जाए तो यह रकम 50-50 हजार रुपये पहुंच जाएगी। यह वसूली अविलंब करने का आदेश दिया गया है।

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