ट्रेनों के एसी कोच से शराब मिलने पर बेडरोल का लाइसेंस होगा रद्द
ट्रेनों के एसी कोच में शराब मिलने पर बेडरोल का लाइसेंस रद्द किया जाएगा। चक्रधरपुर मंडल आरपीएफ ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाने का निर्णय लिया है। टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस में कई बार शराब...
ट्रेनों के एसी कोच से अब शराब मिलने पर बेडरोल का लाइसेंस रद्द होगा। यात्रियों की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है। दक्षिण पूर्व रेलवे जोन में पत्र भेजकर चक्रधरपुर मंडल आरपीएफ यह मांग करने वाली है, क्योंकि टाटानगर की तीन ट्रेनों के बेडरोल कर्मचारियों के पास से तीन बार शराब जब्त हो चुकी है। आरपीएफ का मानना है कि ट्रेनों में शराब मिलना यात्रियों विशेषकर महिलाओं के लिए खतरे की स्थिति है। चलती ट्रेन में यात्रियों को शराब मुहैया कराने वालों पर रेलवे प्रावधान उल्लंघन के तहत कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि कोई नशे में उत्पात कर हिसंक घटना को अंजाम न दे सके। हालांकि एर्नाकुलम एक्सप्रेस से दो बार शराब मिलने पर बेडरोल कर्मचारियों को पकड़कर आबकारी विभाग के हवाले किया गया था।
एर्नाकुलम ट्रेन से तीन बार मिल चुकी है शराब
चक्रधरपुर मंडल आरपीएफ की उड़नदस्ता टीम ने दो बार टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस के बेडरोल कर्मचारियों के पास से शराब की दर्जनों बोतल जब्त किया है। टाटानगर से 25 अक्तूबर की सुबह एर्नाकुलम ट्रेन के एसी कोच में जांच पर आरपीएफ की उड़नदस्ता टीम को चक्रधरपुर स्टेशन पर बेडरोल कर्मचारी के पास 22 बोतल शराब मिली थी। इससे पहले टाटानगर स्टेशन पर एर्नाकुलम एक्सप्रेस के बेडरोल कर्मचारी से 2 अगस्त को शराब मिली थी। वहीं, 4 मई को टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस के एम-1 कोच में सीट के नीचे से 40 बोतल शराब एक कार्टून में मिली थी, लेकिन आरपीएफ व जीआरपी की टीम कोच में शराब रखने वाले की शिनाख्त नहीं कर सकी। वहीं, साउथ बिहार और छपरा एक्सप्रेस से भी टाटानगर में शराब बरामद हो चुकी है।
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