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लोकसभा चुनाव की हलचल से बेखबर है टिकरी गांव

आज जब पूरे देश में लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां महसूस की जा रही है, ऐसे में कोल्हान का एक गांव ऐसा भी है जहां के लोग अभी तक चुनाव की आहट भी महसूस नहीं कर पाए हैं। यह गांव है समस्याओं के मकरजाल में फंसा...

लोकसभा चुनाव की हलचल से बेखबर है टिकरी गांव
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरSun, 14 Apr 2019 08:19 PM
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आज जब पूरे देश में लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां महसूस की जा रही है, ऐसे में कोल्हान का एक गांव ऐसा भी है जहां के लोग अभी तक चुनाव की आहट भी महसूस नहीं कर पाए हैं। यह गांव है समस्याओं के मकरजाल में फंसा कालचित्ति पंचायत के पहाड़ के बीचों-बीच बसा टिकरी। यहां के लोगों में लोकसभा चुनाव को लेकर किसी प्रकार की दिलचस्पी नहीं दिख रही। 45 से 50 परिवार वाले इस गांव के ग्रामीण महिला-पुरुषों को अब तक यह पता नहीं है कि लोकसभा चुनाव कब है, और किस दल से कौन प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है। इस चुनावी सीजन में यहां अब तक न तो कोई प्रशासनिक अधिकारी आया है और न ही सांसद या विधायक पहुंचे हैं।

आज भी पी रहे खाल का पानी: टिकरी गांव में आजादी के बाद विकास सिर्फ इतना हुआ है कि कुछ दूर सड़क बनी है और राजीव गांधी विद्युत योजना के तहत लाइन दी गई है। पेयजल को लेकर सरकारी चापाकल तो कई लगाये गये पर काम एक भी नहीं कर रहा है। पेयजल संकट का सामना कर रहे गांववासियों को काफी दूर खाल से लाकर पानी पीना पड़ता है। यहां पुरुषों से ज्यादा संख्या महिला की है, क्योंकि रोजगार की तलाश में यहां के अधिकतर युवक तमिलनाडु, बेंगलुरू चले गये हैं। ... तो वोट नहीं देंगे: महिलाओं का कहना है कि जब वोट का समय होता है कई दल के कार्यकर्ता तो यहां नजर आते हैं पर नेता कोई नहीं आता। ग्रामीणों ने इस बार मन बना लिया है कि वोट से पहले अगर उनकी बात सुनने कोई प्रत्याशी गांव नहीं पहुंचा तो वे वोट देने नहीं जाएंगे। यहां के लोगों को अपना वोट देने सात किलोमीटर दूर चलकर टिकरी से हीरागंज जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने कहा कि वे आज भी कई सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। न आंगनबाड़ी केंद्र है, न ही स्वास्थ्य केंद्र।

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