थिएटर आर्टिस्ट एसोसिएशन जमशेदपुर के सहारे जीवंत है नाट्य कला
थिएटर आर्टिस्ट एसोसिएशन ऑफ जमशेदपुर (ताज) समेत वरिष्ठ रंगकर्मियों के सहारे नाट्य कला जीवंत है। इनके संगीत और नाट्य कला को बढ़ाने देने के कारण भावी पीढ़ी का रुझान कायम है। युवा कलाकार संगीत, रंगकर्म,...
थिएटर आर्टिस्ट एसोसिएशन ऑफ जमशेदपुर (ताज) समेत वरिष्ठ रंगकर्मियों के सहारे नाट्य कला जीवंत है। इनके संगीत और नाट्य कला को बढ़ाने देने के कारण भावी पीढ़ी का रुझान कायम है। युवा कलाकार संगीत, रंगकर्म, नृत्य, वाद्य यंत्र और कला के तकनीकी क्षेत्रों में सफल हो रहे हैं।
स्कूलों में बढ़ा क्रेज : ताज के निदेशक तुषार दासगुप्ता कहते हैं कि स्कूलों और संस्थाओं में बाल नाट्य कलाकारों का क्रेज बढ़ा है। 19 वर्षों से चिल्ड्रेन ड्रामा फेस्टिवल मील का पत्थर बन गया है। ताज और बंगाल क्लब के साझा प्रयास से 24 और 25 अगस्त को होनेवाला बाल नाट्योत्सव मजबूत कड़ी होगी।
आर्थिक तंगी से नहीं हारे : एमेच्योर आर्टिस्ट एसोसिएशन ऑफ जमशेदपुर के सचिव बीके लाल बताते हैं कि 35 वर्षों से ऑल इंडिया डांस, ड्रामा और म्यूजिक स्पर्धा करा रहे हैं। जयालक्ष्मी नाट्य कला मंदिरम के संस्थापक ए. बाबू राव भी प्रतिभाओं को निखारने में लगे हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद इन दोनों के कदम डिगे नहीं हैं।
स्कूल प्रबंधन उदासीन : ताज के कोषाध्यक्ष असीम कुमार डे बताते हैं कि गिनती के लोगों के निजी प्रयास से जमशेदपुर में रंगकर्म, संगीत, नृत्य और वाद्य यंत्र कला जीवंत है। निजी और सरकारी स्कूलों की उदासीनता चिंता का कारण है। नियमित हो रहे बाल नाट्योत्सव, नृत्य और संगीत स्पर्धा में दिलचस्पी से उम्मीदें कायम है।