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धान की खेती की बारी आ गई, पिछली फसल की कीमत नहीं मिली

कृषि कानून को लेकर एक साल से किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों को सरकार

धान की खेती की बारी आ गई, पिछली फसल की कीमत नहीं मिली
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरSun, 06 Jun 2021 06:20 PM
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कृषि कानून को लेकर एक साल से किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों को सरकार आश्वस्त करती रही कि समर्थन मूल्य खत्म नहीं होगा, लेकिन किसानों को आधी रकम मिलने से पता ही नहीं चल पा रहा है कि समर्थन मूल्य है या खत्म हो गया है।

जिले में एक लाख 12 हेक्टेयर में धान की खेती की गई है, जिसमें 30.36 लाख मीट्रिक टन धान का उत्पादन हुआ है। इनमें से 6 लाख 35 मीट्रिक टन धान की सरकारी खरीद हुई है। सरकार के ई-उपार्जन पोर्टल के आंकड़े बता रहे हैं कि जिले के 7,466 किसानों को 6.75 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जबकि समर्थन मूल्य सहित 13.59 करोड़ रुपये का भुगतान करना है।

पटमदा के किसान फूलचंद महतो कहते हैं कि 20 जनवरी को 95 क्विंटल धान की बिक्री की थी, जिसके लिए लगभग 1.93 लाख रुपये मिलने थे, लेकिन एक किस्त ही रकम मिली है। मात्र 93 हजार रुपये मिले हैं। धान की खेती का समय आया पर अब तक पैसे नहीं मिले हैं।

बोड़ाम के लुआबासा के किसान विश्वनाथ महतो ने बताया कि लगभग 85 क्विंटल धान जनवरी में बिक्री की तो एक किश्त में 68 हजार रुपये मिले हैं, जबकि कुल धान की कीमत समर्थन मूल्य सहित 1.75 लाख रुपये हुई थी। बार-बार मांग की जाती है, लेकिन अकाउंट में अबतक पैसे नहीं आए हैं।

कोट:::::

किसानों को समर्थन मूल्य के साथ धान की पूरी कीमत मिलेगी। कोरोना संक्रमण के कारण भुगतान में देर हुई है। सरकार जल्द ही बाकी रकम भी भुगतान कर देगी।

- बादल पत्रलेख, कृषि मंत्री, झारखंड सरकार

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