टाटा हिताची : खड़गपुर में विरोध, सांसत में शहर के कर्मचारी
खंडगपुर की एक कंपनी में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देने को लेकर पिछले दिनों आंदोलन हुआ था। दो दिन काम बंद रहने के बाद काफी हंगामा भी हुआ। इस घटना के बाद टाटा हिताची, जमशेदपुर प्लांट...
खंडगपुर की एक कंपनी में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देने को लेकर पिछले दिनों आंदोलन हुआ था। दो दिन काम बंद रहने के बाद काफी हंगामा भी हुआ। इस घटना के बाद टाटा हिताची, जमशेदपुर प्लांट के कर्मचारी सहमे हुए हैं।
दरअसल टाटा हिताची प्रबंधन जमशेदपुर प्लांट को पूरी तरह से शिफ्ट कर खड़गपुर ले जा रही है। इस कारण यहां कार्यरत 223 कर्मचारियों को भी खड़गपुर में रहकर ड्यूटी करना होगा। ऐसे में तबादले के बाद खड़गपुर जाने वाले सभी कर्मचारी सहमे हैं। शुक्रवार को पूरे दिन शॉप फ्लोर में यह चर्चा का विषय बना रहा। कर्मचारियों का कहना है कि अगर वे जमशेदपुर छोड़कर खड़गपुर गए और वहां के स्थानीय निवासियों ने विरोध किया तो उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी होगी? हालांकि टेल्कॉन वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष चितरंजन मांझी का कहना है कि किसी कर्मचारी को इसके लिए घबराने की जरूरत नहीं है। सभी कर्मचारियों की सुरक्षा कंपनी प्रबंधन की जिम्मेदारी है।
सितंबर से शुरू होगी शिफ्टिंग : पिछले दिनों एमडी संदीप सिंह जमशेदपुर प्लांट पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने शिफ्टिंग को कंपनी हितों के लिए जरूरी बताया था। वहीं, जून में कंपनी के एचआर हेड शाहिद अशरफ ने जानकारी दी थी कि सितंबर से शिफ्टिंग का काम शुरू हो जाएगा। ऐसे में खड़गपुर की घटना से कर्मचारी बुरी तरह से डरे हुए हैं और यूनियन नेताओं से अपनी सुरक्षा की गारंटी दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
पहले ग्रेड चाहती है यूनियन : प्लांट शिफ्टिंग से पहले यूनियन नेतृत्व पहले ग्रेड रिवीजन समझौता चाहती है। हालांकि कंपनी प्रबंधन ने अपने प्रस्ताव में सीटीसी में 15 प्रतिशत और बेसिक का 25 प्रतिशत एचआरए दिए जाने का प्रस्ताव दिया है।