सातवीं-आठवीं से ही तैयारी में जुटने लगे हैं विद्यार्थी
देश में जेईई मेंस और एडवांस की परीक्षा काफी कठिन और गलाकाट होती जा रही है। प्रतियोगिता में सफल होने के लिए विद्यार्थी अब सातवीं-आठवीं कक्षा से ही जेईई की तैयारी करने लगे हैं। इस बार जेईई एडवांस के...
देश में जेईई मेंस और एडवांस की परीक्षा काफी कठिन और गलाकाट होती जा रही है। प्रतियोगिता में सफल होने के लिए विद्यार्थी अब सातवीं-आठवीं कक्षा से ही जेईई की तैयारी करने लगे हैं। इस बार जेईई एडवांस के जारी हुए नतीजों में टॉप 100 में रहने वाले कई विद्यार्थियों ने आठवीं से ही तैयारी शुरू कर दी थी। शहर के सिटी टॉपर युगेश अजीत कोठारी ने हिन्दुस्तान से बातचीत करते हुए बताया कि मुंबई में जेईई एडवांस के परीक्षा के पहले वे जेईई मेंस के कई टॉपरों से मिले। इस दौरान टॉपरों से हुई बातचीत में सामने आया है कि काफी विद्यार्थी जेईई में सफलता के लिए सातवीं-आठवीं से तैयारी कर रहे होते हैं। दसवीं पास करते करते वे जेईई के पूरे कोर्स को पूरा कर लेते है। ग्यारहवीं और बारहवीं के दौरान वे रिवीजन के दौर में रहते हैं। बोर्ड की पढ़ाई नहीं होती प्रभावित : युगेश की माने तो ऐसा फिलहाल बड़े शहर जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोटा, जयपुर में विद्यार्थी इस तरह की कोचिंग का फायदा हो रहा है। अगर विद्यार्थी पढ़ाई में ध्यान लगाता है तो बोर्ड के नतीजे बिल्कुल प्रभावित नहीं होते और जेईई में भी सफलता मिलती है। विशेषज्ञ भी बताते है फायदेमंद : प्रेरणा क्लासेस के निदेशक प्रमोद दुबे ने बताया कि देश के कई शहरों में ऐसी व्यवस्था है। शहर में भी उन्होंने इस तरह की कोशिश स्माल स्टेप्स कार्यक्रम के माध्यम से की है। उन्होंने बताया कि जल्द तैयारी का फायदा तो विद्यार्थियों का मिलता ही है। शहर में प्रति वर्ष जेईई मेंस की परीक्षा में 6 हजार विद्यार्थी परीक्षा देते हैं। इसके साथ ही प्रतिवष लगभग 250 छात्र जेईई एडवांस में अंतिम तौर पर सफल भी रहते हैं।