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7 घंटे पिता को लेकर दौड़ता रहा बेटा, अस्पतालों ने नहीं किया भर्ती, हो गई मौत

गैर कोरोना मरीजों का जमशेदपुर शहर में इलाज वाकई कठिन हो गया है। अस्पतालों के अमानवीय व्यवहार अब जानलेवा साबित होने लगे हैं। यही वजह है कि टाटा समूह का एक रिटायर कर्मचारी इलाज नहीं मिलने के कारण...

7 घंटे पिता को लेकर दौड़ता रहा बेटा, अस्पतालों ने नहीं किया भर्ती, हो गई मौत
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरFri, 28 Aug 2020 06:14 PM
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गैर कोरोना मरीजों का जमशेदपुर शहर में इलाज वाकई कठिन हो गया है। अस्पतालों के अमानवीय व्यवहार अब जानलेवा साबित होने लगे हैं। यही वजह है कि टाटा समूह का एक रिटायर कर्मचारी इलाज नहीं मिलने के कारण अस्पताल-अस्पताल दौड़ते हुए जान गवां बैठा।

टाटा मोटर्स के पूर्व कर्मचारी परसूडीह बावनगोड़ा निवासी मनोरंजन बोस (78) को शुक्रवार को सांस लेने में कठिनाई होने लगी। उनके पुत्र और शहर के चर्चित जिम ट्रेनर उज्ज्वल बोस उन्हें लेकर करीब डेढ़ बजे खासमहल स्थित अभिषेक नर्सिंग होम लेकर पहुंचे। वहां उन्हें स्लाइन चढ़ाया गया और ऑक्सीजन दिया जिससे तबियत थोड़ी सुधरी। परंतु डॉक्टर ने बेहतर इलाज के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर टीएमएच रेफर कर दिया। उज्ज्वल पिता को एक वैन में लेकर टीएमएच पहुंचे। वहां इमरजेंसी के सामने वैन लगी, लेकिन किसी ने देखा नहीं। कहा, कोविड जांच करा लीजिए। कोविड जांच को पहुंचे तो कहा जांच कराने से भी कोई फायदा नहीं, बेड खाली नहीं है। वे पता को एमजीएम अस्पताल ले जाएं।

निराश उज्ज्वल पिता को लेकर एमजीएम पहुंचे। पहले इमरजेंसी फिर एडमिट करने वाले काउंटर पर पहुंचे। एक से दूसरी जगह दौड़ते रहे। तब एक डॉक्टर बाहर निकला और कहा टीएमएच ले जाएं। उन्होंने बताया कि टीएमएच से ही तो आ रहे हैं, तो कहा फिर किसी और अस्पताल ले जाएं। हारकर उज्ज्वल वहां से पिता को लेकर टाटा मोटर्स अस्पताल पहुंचे। बताया कि टाटा मोटर्स के ही पूर्व कर्मचारी हैं। परंतु वहां भी इलाज नहीं कर लौटा दिया। आखिरकार वे पिता को लेकर घर लौट गए। वहां करीब साढ़े आठ बजे शाम में उनकी जान चली गई। इस प्रकार सात घंटे तक दौड़ते-दौड़ते बिना इलाज मनोरंजन बोस की जान चली गई।

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