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प्रदूषण के कारण बंद हुई थी स्लैग डंपिंग

शहर में स्लैग की डंपिंग करीब चार साल पहले प्रदूषण की शिकायत के बाद बंद हुई थी। हालांकि तब सिदगोड़ा में नदी किनारे डंपिंग साइट भर जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई थी। बाद में लक्ष्मीनगर में छोटी सी...

प्रदूषण के कारण बंद हुई थी स्लैग डंपिंग
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरSun, 01 Nov 2020 05:40 PM
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शहर में स्लैग की डंपिंग करीब चार साल पहले प्रदूषण की शिकायत के बाद बंद हुई थी। हालांकि तब सिदगोड़ा में नदी किनारे डंपिंग साइट भर जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई थी। बाद में लक्ष्मीनगर में छोटी सी जगह खोजी गई। वहां पर प्रतिदिन पांच-दस डंपर प्रतिदिन स्लैग गिराया जाता था। उससे दर्जनों परिवार स्लैग में से लोहा चुनते थे। परंतु टाटा स्टील का पूरा स्लैग वहां गिराना संभव नहीं था, इसलिए गालूडीह के पास जगह खोली गई। तब से वहीं पर स्लैग डंपिंग हो रही है।

परंतु दि आयरन स्लैग पीकर्स लेबर्स कोपऑपरेटिव सोसायटी, जो स्लैग चुनने वालों की संस्था है, चाहती है कि शहर के भीतर पूर्व की तरह स्लैग की डंपिंग हो। अगर पूरा नहीं हो सकता, तो दस-बीस डंपर स्लैग ही मिले ताकि साढ़े आठ सौ सदस्यों वाली सोसायटी का मान रह जाये। इस मसले पर उपायुक्त सूरज कुमार का कहना है कि प्रदूषण ही स्लैग डंपिंग में बाधा है।

वैसे धालभूम के अनुमंडल पदाधिकारी सह सोसायटी के चेयरमैन नीतीश कुमार सिंह ने इस मसले पर मंगलवार को बैठक बुलाई है। इसमें टाटा स्टील के लैंड डिपार्टमेंट के अधिकारी, ट्रांसपोर्टर बेली बोधनवाला और जिला सहकारिता पदाधिकारी अशोक कुमार तिवारी आदि भाग लेंगे। बैठक में शहर में स्लैग डंपिंग की संभावनाएं तलाशी जाएंगीं।

शहर में स्लैग डंपिंग की मांग को लेकर गत गुरुवार को सोसायटी के सदस्यों व झारखंड युवा मोर्चा के नेता बबन राय ने बोधनवाला के 13 डंपरों को रोककर बवाल किया था। मामला बिष्टूपुर थाना पहुंचा और इसके कारण दो दिनों तक डंपर फंसे रहे। बाद में डीसी-एसएसपी के द्वारा बैठक करने का आश्वासन मिलने पर मामला समाप्त हुआ।

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