सावन में नाग देवता की पूजा करेंगे शिवभक्त
शिव भक्त सावन में नाग देवता की सेवा करेंगे। दूध से रुद्राभिषेक कर प्रसाद चढ़ाएंगे। कृष्ण पक्ष के बाद 15 अगस्त को शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई...
शिव भक्त सावन में नाग देवता की सेवा करेंगे। दूध से रुद्राभिषेक कर प्रसाद चढ़ाएंगे। कृष्ण पक्ष के बाद 15 अगस्त को शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाएगी।
वंश वृद्धि के लिए पूजा
ज्योतिषाचार्य सुधानंद झा ने बताया कि सावन में नाग देवता के नाम पर माताएं अपने अखंड सुहाग, पारिवारिक समृद्धि और वंश वृद्धि का कामना करेंगी। श्रावण मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग देवता की पूजा करेंगी। इस व्रत और पूजा को कोई भी कर सकता है। वैसे व्यक्ति के लिए यह वरदान है, जिनके जीवन में शत्रु, बीमारी, झूठे कलंक की समस्या रहती है।
श्रद्धा से पूजा करें
आचार्य ने बताया कि नाग पंचमी को लेकर एक मत नहीं है। काशी पंचाग के अनुसार, सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी 15 अगस्त है। मिथिला, बांग्ला और ओड़िया पंचांग में उदयकाल के अनुसार 16 अगस्त को नाग पंचमी है। कृष्ण पक्ष की पंचमी दो अगस्त को मौना नाग पंचमी है। भक्तों के लिए शिव मंदिर में बने नाग देवता की प्रतिमा का रुद्राभिषेक के साथ महादेव की पूजा करना लाभदायी होगा।
कालसर्प दोष में वरदान
आचार्य ने बताया कि इस दिन शिवशक्ति के साथ नाग देवता की पूजा होगी। जिनकी जन्म पत्री या हस्तरेखा में काल सर्प दोष है। उनके लिए उस दिन नाग देवता की पूजा फलदायी होगी। कुलदेवता की पूजा होगी और तावा से रोटी नहीं बनेगा। नाग देवता को दूध, धान का लावा, खट्टा दही का खीर, घोंघा, जलकुंभी, मिसरी, नीम का पत्ता प्रसाद चढ़ाने से शत्रु व सांप काटने का भय नहीं रहेगा।