साकची में स्कूली ऑटो पलटा, चालक भागा
साकची छायानगर पलंग मार्केट के निकट गुरुवार सुबह 6.15 बजे छात्रों को लेकर जा रहा ऑटो पलट गया। इससें एडीएल सनसाईन स्कूल की कक्षा-1 का छात्र अमृत सरकार गंभीर रूप से घायल हो गया। बच्चों को नियमिति स्कूल...
साकची छायानगर पलंग मार्केट के निकट गुरुवार सुबह 6.15 बजे छात्रों को लेकर जा रहा ऑटो पलट गया। इससें एडीएल सनसाईन स्कूल की कक्षा-1 का छात्र अमृत सरकार गंभीर रूप से घायल हो गया। बच्चों को नियमिति स्कूल ले जाने वाला वह ऑटो चालक दुर्घटना के बाद बच्चों को छोड़कर वहां से भाग गया। अन्य छात्र किसी तरह स्कूल गए, जबकि स्थानीय लोगों की मदद से अमृत को पहले एमजीएम फिर टीएमएच में भर्ती किया गया है।
ऑटो चालक का नाम शमशेर है, जो कपाली से छात्रों को लेकर साकची के स्कूलों में पहुंचाता था। गुरुवार सुबह वह कपाली टीओपी के निकट केंदडीह से छात्र अमृत के अलावा अन्य छात्रों को लेकर साकची के लिए निकला था। पहले से ही वह विलंब से लेने आया था, जिसके चलते वह तेज रफ्तार से अपनी गाड़ी चलाकर ले जा रहा था। पलंग मार्केट के पास उसकी गाड़ी का नियंत्रण बिगड़ा, जिसके बाद हादसा हुआ।
अमृत को इलाज के लिए टीएमएच के 4-बी वार्ड में भर्ती किया गया है। उसके पिता आशीष सरकार ने बताया कि स्थानीय राहगीरों ने स्कूल डायरी में लिखे फोन नंबर से उन्हें कॉल कर दुर्घटना के बारे में बताया, तब जाकर इसकी जानकारी उन लोगों को हुई। इसके बाद उन्होंने ऑटो वाले को फोन किया, लेकिन उसने कॉल रिसीव नहीं किया।
दुर्घटना के बाद टेम्पो चालक के खिलाफ शिकायत करने के लिए अमृत के परिजन साकची थाना गए, लेकिन थाना में उनका आवेदन तो ले लिया गया, लेकिन उसे रिसीव कर नहीं दिया गया। जब परिवार के लोगों ने रिसीविंग मांगी तो वहां मौजूद सिपाही ने कहा कि केस करके क्या फायदा। कोइ सामने से टक्कर करता तो कोई बात होती। अभी चुनाव का वक्त है बाद में रिसीविंग ले लीजिएगा।
इधर, टीएमएच में भर्ती अमृत के चेहर और पैर में ज्यादा चोट लगी है। वह मुश्किल से ही कुछ खा-पी रहा है। उसके परिवार वाले दिन भर अस्पताल में थे।
पहले भी स्कूली ऑटो वाले कर चुके हैं लापरवाही
इससे पहले भी स्कूली ऑटो वाले लापरवाही कर चुके हैं। उनकी लापरवाही के चलते ही नामदाबस्ती के एक छात्र की भी मौत हो चुकी है। स्कूली ऑटो में ओवरलोडिंग को लेकर जितनी बार भी पुलिस ने जांच शुरू की उतनी बार ऑटो वालों ने कम छात्रों को ले जाने का हवाला देकर किराया तो बढ़ा दिया, लेकिन कुछ दिनों के बाद से ही वे ओवरलोड छात्रों को ढोने लग गए। इतना ही नहीं, जिस स्कूली ऑटो में आगे की सीट पर छात्र नहीं बैठते हैं, उसमें सवारियों को भर लिया जाता है।