केस की जांच में मोबाइल सर्विलांस की मदद लेगी आरपीएफ
रेल क्षेत्र में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर भागना अब आसान नहीं होगा। आरपीएफ डिजिटल क्राइम डिटेक्शन की ओर कदम बढ़ रही है। फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए आरपीएफ जल्द ही मोबाइल सर्विलांस का सहारा...
रेल क्षेत्र में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर भागना अब आसान नहीं होगा। आरपीएफ डिजिटल क्राइम डिटेक्शन की ओर कदम बढ़ रही है। फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए आरपीएफ जल्द ही मोबाइल सर्विलांस का सहारा लेगी। इससे आरपीएफ को केस के अनुसंधान में सहूलियत होगी। यात्रियों और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा के लिए यह योजना बनी है। चक्रधरपुर रेल मंडल के आरपीएफ मुख्यालय में साइबर सेल का गठन हुआ है। दक्षिण-पूर्व जोन ने आरपीएफ के सीनियर इंस्पेक्टर को साइबर सेल में नियुक्त किया है। सिस्टम अपडेट करने का विभागीय कार्य जारी है। तकनीकी रूप से दक्ष युवा जवानों की साइबर सेल टीम बनेगी। इन्हें डिजिटल क्राइम डिटेक्शन के तहत मोबाइल ट्रैकिंग एवं अन्य तरह की ट्रेनिंग दिलाई जाएगी, जिससे आरपीएफ भी जमशेदपुर जिला पुलिस की तरह मोबाइल सर्विलांस व अन्य तकनीक की मदद से अपराधियों को पकड़ा जा सके। मोबाइल ट्रैकिंग से आरपीएफ भी अपराधियों के लोकेशन जान सकेगी। सर्विलांस सिस्टम से आरपीएफ ई-टिकट की कालाबाजारी समेत इनाम का लालच देकर रेलकर्मियों से ठगी करने वालों को नंबर के आधार पर पकड़ेगी। आरपीएफ अब साइबर मामले के अनुसंधान में आईआरसीटीसी व जिला पुलिस की मदद लेती है। आरपीएफ को रेलवे बोर्ड से अप्रैल 2018 अप्रैल में मामले की कॉल डिटेल रिपोर्ट निकालने का अधिकार मिल चुका है।