रेडक्रॉस ने एमजीएम के शव वाहनों के संचालन से किया इनकार
राज्य सरकार की ओर से सूबे के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में शवों को लाने-ले जाने के लिए शववाहन उपलब्ध कराए थे। इसके तहत जून माह में एमजीएम अस्पताल को तीन और खासमहल स्थित सदर अस्पताल को तीन शव वाहन दिये...
राज्य सरकार की ओर से सूबे के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में शवों को लाने-ले जाने के लिए शववाहन उपलब्ध कराए थे। इसके तहत जून माह में एमजीएम अस्पताल को तीन और खासमहल स्थित सदर अस्पताल को तीन शव वाहन दिये गये थे। पर आज लगभग तीन माह के बाद भी शव वाहनों का परिचालन नहीं हो पा रहा है। दरअसल उपायुक्त स्तर से शववाहनों के परिचालन के लिए चयनित की गई रेडक्रॉस ने शववाहनों के परिचालन से साफ इनकार कर दिया गया है। मसलन तीन माह से ये शववाहन अस्पतालों में खड़े-खड़े धूल खा रहे हैं और तीमारदारों को अपने मरीजों के शव लाने-ले जाने के लिए निजी एंबुलेंस पर पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। ज्ञात हो कि सरकार द्वारा शववाहन दिये जाने के साथ ही डीआईसी, स्वास्थ्य विभाग, झारखंड की ओर से आदेश दिया गया था कि उक्त शव वाहनों के परिचालन के लिए उपायुक्त स्तर से एक एनजीओ का चयन किया जाएगा। इसके बाद चयनित एनजीओ द्वारा स्वीकृत सरकारी रेट पर ही शववाहनों का परिचालन किया जाएगा। शुरुआत में काफी दिनों तक जिला प्रशासन की ओर से एनजीओ का चयन नहीं किया गया। अखबारों में समाचार प्रकाशित होने के बाद उपायुक्त की ओर से रेडक्रॉस सोसाइटी को शववाहनों के परिचालन की जिम्मेवारी दी गई। पर एमजीएम अधीक्षक डॉ. आरके मंधान ने बताया कि रेडक्रॉस की ओर से शववाहनों के परिचालन के लिए लिखित रूप से इनकार कर दिया गया है। इसके बाद अस्पताल स्तर से डीआईसी को शववाहनों के परिचालन के लिए पत्र भेजकर मार्गदर्शन मांगा गया है। इस संबंध में एमजीएम अधीक्षक डॉ. आरके मंधान ने कहा कि उपायुक्त द्वारा चयनित रेडक्रॉस सोसाइटी ने शव वाहनों के परिचालन के लिए लिखित रूप से इनकार कर दिया गया है। इस संबंध में डीआईसी को पत्र भेजकर शववाहनों के परिचालन के लिए मार्गदर्शन मांगा गया है।