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रामचरित मानस मानव मात्र का ग्रंथ : आचार्य

मानस सत्संग समिति टाटानगर श्री जम्मूवाले बाबा जी के नेतृत्व में सरकारी कुआं मैदान बिरसनागर में श्री रामलला जन्मोत्सव रविवार से शुरू हुआ। सुबह पंडित अभिषेक पाठक एवं कृतिका बाबा ने श्री सीता राम जी की...

रामचरित मानस मानव मात्र का ग्रंथ : आचार्य
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरMon, 19 Mar 2018 08:17 PM
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मानस सत्संग समिति टाटानगर श्री जम्मूवाले बाबा जी के नेतृत्व में सरकारी कुआं मैदान बिरसनागर में श्री रामलला जन्मोत्सव रविवार से शुरू हुआ। सुबह पंडित अभिषेक पाठक एवं कृतिका बाबा ने श्री सीता राम जी की पूजा कर नवपरायण पाठ किया। शाम को वाराणसी से आए संत आचार्य नीरज मिश्रा ने श्री राम कथा के सन्दर्भ में कहा कि श्रीरामचरित मानस मानव मात्र का ग्रंथ है। जहां मानवता है वहीं मानस है। मानवता नहीं तो मानस नहीं। उन्होंने कहा कि राम जी का जन्म नवमी को हुआ था। जीवन में ग्रहों की चाल भी नौ ही हैं, नौ रात्रि की देवी भी नौ ही हैं, भगवान राम ने नौ भक्ति का उपदेश दिया। गोस्वामी तुलसीदास ने श्री राम चरितमानस की रचना भी नवमी तिथि से किया और अंत में श्री राम चरितमानस का नाम भी नौ ही अक्षरों का हुआ। इसलिए अपूर्ण जीवन में पूर्ण समय के अंतर्गत पूर्ण ब्रह्म की चर्चा श्रवण करना परम सौभाग्य का विषय है।

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