रेलवे 3000 मीट्रिक टन ढुलाई के लिए 135 किमी तक अपग्रेड करेगा ट्रैक
भारतीय रेलवे ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने और मालगाड़ी की ढुलाई क्षमता को 2030 तक 3000 मीट्रिक टन तक पहुंचाने के लिए रेलवे लाइन को अपग्रेड करेगा। इसके तहत गालूडीह से नीमपुरा यार्ड तक ट्रैक्शन और सिग्नल...

ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने एवं मालगाड़ी से ढुलाई क्षमता बढ़ाने को रेलवे लाइन को अपग्रेड किया जाएगा, ताकि 2030 तक 3000 मीट्रिक टन ढुलाई का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। गालूडीह से नीमपुरा यार्ड तक लाइन के ट्रैक्शन व सिग्नल सिस्टम में बदलाव किया जाएगा। जानकार बताते है कि रेलवे करीब 1700 मीट्रिक टन ढुलाई कर रहा है, लेकिन लोडिंग क्षमता का लक्ष्य हर वर्ष बढ़ते जा रहा है। इससे दक्षिण पूर्व जोन लाइन अपग्रेड व अन्य तरह की सुविधा मुहैया करने में 149 करोड़ खर्च करने वाला है। इससे पूर्व टाटानगर से झारसुगुड़ा व खड़गपुर तक सिग्नल पैनल एवं परिचालन सिस्टम में सुधार का आदेश जोन से हुआ था, ताकि ट्रेनों को 160 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से चलाया जा सके। अभी हावड़ा-मुंबई मार्ग में ट्रेनें 120-130 किमी स्पीड से चलती है। सुरक्षित व समयबद्ध परिचालन योजना से रेलवे थर्ड लाइन बिछाने, कवच लगाने के साथ सेक्शन के अनुसार लाइन में सुधार व यार्ड में कई तरह से बदलाव कर रहा है। रेलवे का मानना है कि विकास और सुधार की परियोजनाओं के पूरा होने पर 2030 तक 3000 एमटी ढुलाई का लक्ष्य आसानी से पाया जा सकता है।
ढुलाई के लक्ष्य को लेकर बहाली
जानकारी के अनुसार, ढुलाई क्षमता के लक्ष्य को लेकर रेलवे में करीब 22 हजार सहायक लोको पायलट, स्टेशन मास्टर, जेई एवं अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों की बहाली प्रक्रिया शुरू है। वहीं, विभिन्न विभागों से अन्य श्रेणी के रेलकर्मियों को प्रमोशन व प्रशिक्षण देकर परिचालन ड्यूटी में लगाने का काम हर मंडल में शुरू है। नए कर्मचारी एवं परिचालन यंत्र लगाने से रेलवे को मालगाड़ियों से खनीज, सीमेंट, कोयला व स्टील की लोडिंग और ढुलाई बढ़ाने में सहूलियत होगी, क्योंकि ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम में एक लाइन पर दो-तीन ट्रेनों को एकसाथ चलाया जा सकता है।
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