रेलकर्मियों को लंग्स ट्रांसप्लांट को 25, हार्ट के लिए मिलेंगे 15 लाख
रेलवे बोर्ड ने अपने कर्मचारियों के लिए लंग्स और हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की है। लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए 25 लाख, हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए 15 लाख और दोनों के लिए 35 लाख रुपये...

रेलवे बोर्ड ने अपने कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में राहत वाली घोषणा की है। रेल कर्मचारियों की अति गंभीर बीमारियों लंग्स और हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए निर्धारित राशि वहन करने की घोषणा की है। रेलवे से संबंधित अत्याधुनिक और सुविधायुक्त अस्पतालों में इलाज कराने वाले कर्मचारियों को लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए 25 लाख, हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए 15 लाख और लंग्स और हार्ट (दोनों) के ट्रांसप्लांट के लिए 35 लाख रुपये वहन करने की घोषणा की गई है। इस संबंध में रेलवे बोर्ड की और से कर्मचारियों के लिए शर्त निर्धारित की गई है। इन शर्तों को पूरा करने के बाद ही ट्रांसप्लांट के मरीज अस्पतालों में इलाज के लिए यह राशि प्राप्त कर सकते हैं।
हालांकि यह सुविधा रेलवे में पहले से थी। लेकिन अब चिकित्सीय ढांचे में बदलाव तथा इलाज में बढ़ते खर्च को ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड ने इस राशि में वृद्धि की है। बोर्ड द्वारा इस प्रकार के मरीजों के इलाज के लिए प्रत्येक जोन में एक स्टैंडिंग कमेटी गठन होगा, जिसमें जोनल अस्पताल के पीसीएमडी/एमडी तथा पब्लिक यूनिट अस्पताल के पीसीएमओ, चेयरपर्सन और कमेटी के सदस्यों में फिजिशियन, सर्जन, एनेस्थेटिस्ट भी शामिल होंगे। इस प्रकार के मामलों या पीड़ित कर्मचारियों के इलाज के लिए कमेटी द्वारा स्थिति के अनुसार इसकी समीक्षा की जाएगी और इलाज की स्वीकृति प्राप्त होने पर पीड़ित कर्मचारियों या मरीजों का इलाज किया जा सकता है। जोनल रेलवे से जारी होगा खर्च, बोर्ड की मंजूरी की जरूरत नहीं दक्षिण पूर्व रेलवे जोन के रेलकर्मियों को हार्ट और लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए इलाज का खर्च गार्डेनरीच से ही मिल जाएगा। इसके लिए अब रेलवे बोर्ड से अनुमति का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे की मांग पर रेलवे बोर्ड ने चार दिन पहले यह आदेश जारी किया है। इस निर्णय से कर्मचारियों को समय पर इलाज मिल सकेगा और लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जैसा कि पहले होता था। पूर्व में कर्मचारियों को हार्ट या लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए मंडल और जोन की अनुशंसा के बाद रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिलने तक इंतजार करना पड़ता था, जिससे इलाज में देर होती थी। मेंस कांग्रेस के शशि मिश्रा ने जानकारी दी कि रेलवे लिवर ट्रांसप्लांट समेत कई गंभीर बीमारियों के इलाज में भी आर्थिक सहायता देता है। वहीं, उम्मीद कार्ड के जरिए अनुबंधित अस्पतालों में रेलकर्मियों को नि:शुल्क इलाज की सुविधा भी मिलती है।
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