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आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे रेलवे आवास : डीआरएम

डीआरएम छत्रसाल सिंह ने कहा कि रेलवे कर्मचारी बेहतर माहौल में काम कर सके इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। रेलवे क्वार्टर की जर्जर समस्या को शीघ्र ही दूर किया जाएगा। सुविधाओं से लैस क्वार्टर...

आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे रेलवे आवास : डीआरएम
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरSat, 25 May 2019 04:59 PM
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डीआरएम छत्रसाल सिंह ने कहा कि रेलवे कर्मचारी बेहतर माहौल में काम कर सके इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। रेलवे क्वार्टर की जर्जर समस्या को शीघ्र ही दूर किया जाएगा। सुविधाओं से लैस क्वार्टर जल्द ही बनाए जाएंगे। जहां कर्मचारियों को हर प्रकार की सुविधाएं मिल सके। इसके लिए 81 करोड़ रुपये का प्राक्कलन तैयार कर मुख्यालय को भेजा गया है। कहा कि रेल कर्मचारी जिम्मेदारीपूर्वक अपना काम करें। डीआरएम द.पू रेलवे मेंस कांग्रेस के पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

दपू रेलवे मेंस कांग्रेस की केंद्रीय कमेटी की बैठक 20 साल बाद शुक्रवार को चक्रधरपुर के रेलवे कल्याण मंडप (महात्मा गांधी सभागार) में हुई। बैठक में डीआरएम के साथ दपू रेलवे मेंस कांग्रेस के पदाधिकारियों ने रेलकर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की। इससे पूर्व बैठक का शुभारंभ दीप जलाकर किया गया। इस दौरान कर्मचारियों ने डीआरएम को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। जिस पर डीआरएम छत्रसाल सिंह ने कहा कि उनके स्तर की समस्या को चिह्नित किया गया है। कर्मचारियों की समस्याओं को मुख्यालय में जानकारी दी जाती है, ताकि जल्द से जल्द उनकी समस्या दूर हो सके।

इस मौके पर चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम भास्कर, सीनियर डीएमई ऋतिक शर्मा, डीएसओ एके अग्रवाल के अलावा द.पू रेलवे मेंस कांग्रेस के महामंत्री केएस मूर्ति, महासचिव एसआर मिश्रा, संयुक्त महासचिव शशि मिश्रा, ओबीसी यूनियन के महासचिव कृष्ण मोहन प्रसाद, दीपांकर रॉय, रीना बाला साहू, जयदीप बनर्जी, सुभाष मजूमदार, एमके पांडेय, बबीता डे, आरके मिश्रा, रवि दत्ता, आरके सिंह, चंचल सिंह समेत दपू रेलवे मेंस कांग्रेस के केंद्रीय व मंडल कमेटी के पदाधिकारी मौजूद थे।

रेलवे को निजीकरण करने में जुटी है सरकार

दपू रेलवे मेंस कांग्रेस के केंद्रीय महामंत्री केएस मूर्ति ने कहा कि सरकार रेलवे को निजीकरण करने में जुटी हुई है। अधिकांश कार्य ठेकेदारी प्रथा से कराया जा रहा है। आने वाले दिनों में रेलवे पूरी तरह निजीकरण न हो जाएं, इसके लिए कर्मचारियों को आवाज उठाने की आवश्यकता है।

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