रेलकर्मियों के अपना घर का सपना होगा सच
रेलकर्मियों के अपने घर का सपना टाटानगर के बागबेड़ा में सच होगा। बशर्ते, चक्रधरपुर मंडल का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड में मंजूर हो जाए। एडीआरएम वीके सिन्हा पुराने जर्जर क्वार्टरों को तोड़कर अपार्टमेंट बनाना...
रेलकर्मियों के अपने घर का सपना टाटानगर के बागबेड़ा में सच होगा। बशर्ते, चक्रधरपुर मंडल का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड में मंजूर हो जाए। एडीआरएम वीके सिन्हा पुराने जर्जर क्वार्टरों को तोड़कर अपार्टमेंट बनाना चाहते हैं, ताकि रेल कर्मचारियों को फ्लैट अलॉट किया जा सके।
योजना के अनुसार, इच्छुक रेल कर्मचारियों को लागत मूल्य पर फ्लैट 99 वर्षों के अनुबंध पर दिए जाएंगे। कर्मचारियों के लिए बैंकों से लोन दिलाने में भी चक्रधरपुर मंडल प्रशासन मदद करेगा। टाटानगर की रेलवे कॉलोनियों में आदित्यपुर-गम्हरिया एवं आसनबनी स्टेशनों पर नियुक्त कर्मचारी भी रहते हैं।
जर्जर क्वार्टर में रहते हैं रेलकर्मी: टाटानगर में रेलवे की सात कॉलोनियों (बागबेड़ा ट्रैफिक कॉलोनी, लाल बिल्डिंग, मेडिकल कॉलोनी, कैरेज कॉलोनी, लोको कॉलोनी, इंजीनियरिंग कॉलोनी एवं साउथ सेटेलमेंट कॉलोनी) में 22 सौ क्वार्टर हैं। इनमें 16 सौ से ज्यादा क्वार्टर जर्जर अवस्था में हैं। जबकि छह सौ से ज्यादा रेलवे क्वार्टरों पर बाहरी लोगों का कब्जा है। रेलवे में अपार्टमेंट की योजना सिर्फ बागबेड़ा कॉलोनी के लिए है।
ममता बनर्जी ने की थी घोषणा: रेलमंत्री रहते ममता बनर्जी ने कर्मचारियों को अपना घर देने की घोषणा की थी। लेकिन जमीनी स्तर पर काम शुरू नहीं हो सका था। मेंस कांग्रेस के चक्रधरपुर मंडल मेंस कांग्रेस के संयोजक शशि मिश्रा ने एडीआरएम के प्रयास की सराहना की है। उन्होंने कहा कि नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे शुरू से अपना घर का मुद्दा बोर्ड में उठाता रहा है।