48 की उम्र में एवरेस्ट को फतह किया प्रेमलता अग्रवाल ने
एवरेस्ट फतह करने वाली देश की सबसे उम्र दराज महिला पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल को बचपन से ही पहाड़ से लगाव था। 1999 में बेटी प्रियांशा को ट्रेकिंग कराने टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन पहुंची। वहां...
एवरेस्ट फतह करने वाली देश की सबसे उम्र दराज महिला पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल को बचपन से ही पहाड़ से लगाव था। 1999 में बेटी प्रियांशा को ट्रेकिंग कराने टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन पहुंची। वहां जमशेदपुर निवासी प्रेमलता ने पद्मश्री बचेंद्री पाल से प्रेरित होकर बेटी के साथ पर्वतारोहण की ट्रेनिंग शुरू कर दी। बेटी ने विवाह कर घर बसा लिया। लेकिन अपनी जिद्दी प्रवृत्ति से 19 मई 2011 को 48 साल की उम्र में प्रेमलता अग्रवाल ने एवरेस्ट फतह किया। फिर सातों महादेशों के सबसे ऊंची चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई का नायाब कीर्तिमान बनाया। भारत सरकार ने उनकी इस उपलब्धि पर 2013 में पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया। 2007 में बचेंद्री पाल के नेतृत्व में थार अभियान की सफलता के बाद प्रेमलता अग्रवाल लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड का हिस्सा बनीं। बाधाओं के बावजूद नहीं डिगी प्रेमलता : एवरेस्ट फतह के दौरान प्रेमलता अग्रवाल को काफी दुविधाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन घबराने के बजाय उन्होंने हिम्मत से उसका मुकाबला किया। प्रेमलता अग्रवाल को 18 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बेस कैंप से 29,029 फुट एवरेस्ट की चोटी फतह करने के लिए दो-दो बार ऊपर-नीचे होना पड़ा। अपनी जिद्दी प्रवृत्ति के सहारे अंतिम बार बेस कैंप से निकली और एवरेस्ट फतह कर सपना सच किया।