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एमजीएम से नहीं मिलती मरीजों को ज्यादातर दवा

सर्दी-खांसी व बुखार के बीच मलेरिया एवं टायफाइड का लक्षण मिलने से मरीजों के परिजन परेशान हैं, क्योंकि ज्यादातर दवा अस्पताल से नहीं मिलती...

एमजीएम से नहीं मिलती मरीजों को ज्यादातर दवा
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरTue, 28 Sep 2021 05:20 PM
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सर्दी-खांसी व बुखार के बीच मलेरिया एवं टायफाइड का लक्षण मिलने से मरीजों के परिजन परेशान हैं, क्योंकि ज्यादातर दवा अस्पताल से नहीं मिलती है। मलेरिया और टायफाइड के मरीजों को बाहर से महंगी व ब्रांडेड दवा खरीदनी पड़ती है। अस्पताल के काउंटर से मरीजों को सर्दी-खांसी व बुखार की सामान्य दवा दी जाती है।

महंगी व ब्रांडेड दवा अस्पताल से किसी मरीज को नहीं मिलती। इससे मरीजों के परिजनों को मेडिकल स्टोर जाना पड़ता है। इधर, मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. पी सरकार ने बताया कि एमजीएम में 161 वायरल के मरीज भर्ती हैं। उन्होंने अबतक मलेरिया व टायफाइड के मरीज मिलने से इनकार किया है। उन्होंने बताया वायरल के बाद डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि एमजीएम में दवाओं (सीरप, एंटीबायटिक व अन्य) की दिक्कत नहीं है, जबकि एमजीएम के पास स्थित दवा विक्रेता भी मलेरिया व टायफाइड के मरीजों द्वारा दवा खरीदने की पुष्टि करते हैं।

तीन महीने में होती है खरीदारी: एमजीएम अस्पताल में हर तीन-चार महीने में दवा की खरीदारी ई-टेंडर के माध्यम से होती है। इससे मेडिसिन विभागाध्यक्ष ने दवा की कमी से इनकार किया है। उन्होंने बताया कि राज्य स्वास्थ्य मुख्यालय से भी दवा आती है। कभी कोई डॉक्टर मरीजों की स्थिति के अनुसार ब्रांडेड दवा लिखते हैं। जो परिजन को बाहर से खरीदना पड़ता है।

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