आंगनबाड़ी केंद्रों में लगेंगे नन इलेक्ट्रिक वाटर प्यूरीफायर
पूर्वी सिंहभूम के आंगनबाड़ी केंद्रों में नन इलेक्ट्रिक वाटर प्यूरीफायर लगाए जाएंगे। एचपीसीएल सहित कई निजी कंपनियों ने आंगनबाड़ी केंद्रों में वाटर प्यूरीफायर लगाने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है।...
पूर्वी सिंहभूम के आंगनबाड़ी केंद्रों में नन इलेक्ट्रिक वाटर प्यूरीफायर लगाए जाएंगे। एचपीसीएल सहित कई निजी कंपनियों ने आंगनबाड़ी केंद्रों में वाटर प्यूरीफायर लगाने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है। इनमें एचपीसीएल को रांची के आंगनबाड़ी केंद्रों में वाटर प्यूरीफायर लगाने की जिम्मेदारी मिली है। कोलकाता की एक कंपनी ने सरकार को आंगनबाड़ी केंद्रों पर वाटर प्यूरीफायर लगाने के पहले सेविका और सहायिकाओं को वाटर प्यूरीफायर इंस्टॉल करने का प्रशिक्षण देने की भी पहल की है, जिससे प्यूरीफायर का रख-रखाव बेहतर हो सके। आंगनबाड़ी केंद्रों को गैस चूल्हा देने का काम शुरू हो गया है। जिले में लगभग 1722 आंगनबाड़ी केंद्र है, इनमें 905 के पास अपने भवन हैं, जबकि अन्य किराये पर चल रहे हैं। जिन केंद्रों के अपने भवन हैं, पहले चरण में उन केंद्रों पर वाटर प्यूरीफायर लगाने की योजना है। लगभग दो सौ के आसपास आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल बनाया गया है। इनमें सरकार की तरफ से सौ आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉउल बनाने के लिए चिह्नित किया गया है, जबकि अन्य को कॉरपोरेट घरानों से प्रायोजित तरीके से मॉडल बनाने की कोशिश की जा रही है। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सत्या ठाकुर बताती हैं कि आंगनबाड़ी केंद्रों में वाटर प्यूरीफायर लगाने की योजना है, पर अब तक आदेश नहीं आया है। फिलहाल, आंगनबाड़ी केंद्रों को अत्याधुनिक बनाने की कोशिश की जा रही है, जिससे बच्चे सहज तरीके से कुछ सीख सकें।