कोई पार्टी नहीं दे सकी बीएलए की सूची
पूर्वी सिंहभूम जिले में कुल 1,885 मतदान केन्द्र, छह विधान सभा क्षेत्र और करीब दर्जन भर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल...
पूर्वी सिंहभूम जिले में कुल 1,885 मतदान केन्द्र, छह विधान सभा क्षेत्र और करीब दर्जन भर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं। मगर एक भी राजनीतिक दल ने किसी विधान सभा क्षेत्र के एक भी बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की सूची जिला प्रशासन को नहीं सौंपी। करीब चार साल के दौरान राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक में कई बार सूची मांगी जा चुकी है, मगर सूची नहीं मिली है। सबसे बड़ा राजनीतिक दल भाजपा हो, झामुमो, कांग्रेस या फिर आजसू, किसी ने बीएलए की सूची नहीं सौंपी है।
निर्वाचन आयोग ने 2014 में ही सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से विधान सभावार और बूथवार बीएलए की सूची मांगी थी, जो नहीं मिली। जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी गायत्री कुमारी ने इसकी पुष्टि की है।
मतदाता सूची में मदद करना था बीएलए को
हर साल चलने वाले मतदाता सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक बूथ पर एक-एक लेवल अफसर (बीएलओ) को लगाया जाता है। ये नाम जोड़ने, काटने या संशोधित करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। मगर फिर भी कुछ शिकायतें रह जाती हैं। यही सोचकर निर्वाचन आयोग ने बीएलए की मदद लेने की सोची थी। बीएलए उसी बूथ का वोटर हो सकता है। स्थानीय होने के कारण वह वहां के लोगों और समस्याओं को बेहतर तरीके से समझ सकता है। निर्वाचन आयोग ने संक्षिप्त मतदाता पुनरीक्षण के दौरान 16 सितंबर और 7 अक्तूबर को बीएलए के माध्यम से बूथों पर नाम जोड़ने, काटने, संशोधन के आवेदन हासिल करने के लिए बीएलए की ड्यूटी लगाई है। मगर बूथों पर बीएलए नहीं होने से बीएलओ को ही यह काम करना पड़ता है।
बूथों पर बैठे बीएलओ
विशेष अभियान के तहत रविवार को जिले के सभी 1,885 बूथों पर बीएलओ को सुबह 10 से शाम 5 बजे तक बैठना था। बहुत से बूथों पर नाम जोड़ने, काटने और नाम, पता में संशोधन और एक ही विधान सभा क्षेत्र में पता परिवर्तन करने के सैकड़ों आवेदन जमा हुए। हालांकि बहुत से बूथों पर एक भी आवेदन नहीं पहुंचा। किसी बूथ पर बीएलओ के नहीं बैठने की शिकायत जिला प्रशासन के पास नहीं पहुंची है। जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी गायत्री कुमारी ने यह जानकारी दी।