संगीतकार सुंदर लाल साहू पंचतत्व में विलीन
शहर के प्रसिद्ध संगीतकार, रंगकर्मी, लेखक एवं गायक सुंदर लाल साहू मंगलवार की दोपहर पंचतत्व में विलीन हो गए। स्वर्णरेखा बर्निंग घाट पर उनका दाह संस्कार हुआ। छत्तीसगढ़ी लोकगीत और संस्कृति को जीवंत...
शहर के प्रसिद्ध संगीतकार, रंगकर्मी, लेखक एवं गायक सुंदर लाल साहू मंगलवार की दोपहर पंचतत्व में विलीन हो गए। स्वर्णरेखा बर्निंग घाट पर उनका दाह संस्कार हुआ।
छत्तीसगढ़ी लोकगीत और संस्कृति को जीवंत रखने वाले सुंदर लाल साहू का सोमवार को टूइलाडुंगरी में निधन हो गया था। ढाई दशक से बच्चों को लोकगीत और नृत्य की ट्रेनिंग दे रहे थे। उनके प्रयास से युवा पीढ़ी में जागरूकता का संचार हुआ था। 60 वर्षीय सुंदर लाल साहू अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और एक बेटी छोड़ गए हैं।
1972 में छत्तीसगढ़ में नाट्य मंचन के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा से सम्मानित सुंदर लाल साहू ने 1979 में पुष्पांजलि कल्चरल एकेडमी की स्थापना की। तीन सौ से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित किया। बेटा सन्नी साहू के सहयोग से एकेडमी में बच्चों को आधुनिक और पारंपरिक लोक संस्कृति सिखा रहे थे।