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युवाओं में सोरायसिस का ज्यादा खतरा : डॉ. अभिषेक

सोरायसिस एक क्रोनिक चर्म रोग है, जो अधिकतर 20-30 वर्ष के आयु वर्ग में होती है। यह जानकारी कोलकाता से आए डॉ. अभिषेक डे ने रविवार को गोलमुरी क्लब में...

युवाओं में सोरायसिस का ज्यादा खतरा : डॉ. अभिषेक
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरMon, 17 Dec 2018 11:37 PM
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सोरायसिस एक क्रोनिक चर्म रोग है, जो अधिकतर 20-30 वर्ष के आयु वर्ग में होती है। यह जानकारी कोलकाता से आए डॉ. अभिषेक डे ने रविवार को गोलमुरी क्लब में दी। वे यहां इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरेओलॉजिस्ट्स एंड लेफ्रोलॉजिस्ट्स (आईएडीवीएल) द्वारा आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय कांफ्रेंस के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। डॉ. अभिषेक ने बताया कि दुनिया में करीब एक प्रतिशत लोग सोरायसिस से पीड़ित हैं। यह बीमारी चोट लगने, संक्रामक रोग के बाद या अन्य दवाओं के कुप्रभाव से होती है। इसका सर्वाधिक प्रकोप कोहनी, घुटनों, खोपड़ी, पीठ, पेट, हाथ, पांव की त्वचा पर दिखता है। शुरुआत में त्वचा में रुखेपन के साथ लालिमा लिए छोटे-छोटे दाने निकलते हैं, जो बाद में बड़े चकत्तों का रूप ले लेते हैं। कोलकाता के डॉ. निलय कांति दास ने पेपर प्रेजेंटेशन तैयार करने के तरीके बताए। एमजीएम के डॉ. एएन झा ने एचआईवी व चर्म रोग के संबंध व इलाज और मुंबई के डॉ. सुनील मिश्रा ने हेयर प्रत्यारोपण, लेजर से चर्म रोग का इलाज की आधुनिक विधियों के बारे में बताया। रिम्स रांची के पीजी विद्यार्थियों ने रिसर्च पेपर प्रस्तुत किये गये। इनमें चार डॉ. श्रुति सुमन, डॉ. नयाज, डॉ.साहिस्ता व डॉ. घोष को पुरस्कृत किया गया। बेस्ट गेस्ट स्पीकर का अवार्ड डॉ. देवशीश सतपथी को दिया गया। सीएस डॉ. महेश्वर प्रसाद, डॉ. एएन झा, डॉ. आर कुमार, डॉ. राजीव ठाकुर आदि मौजूद थे।

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