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डेढ़ साल से एमजीएम के मरीजों को नहीं मिल रही है चाय

एमजीएम अस्पताल में डेढ़ साल से मरीजों को चाय नहीं मिल रही है। वहीं, मरीजों का सुबह का नाश्ता भी महंगाई की भेंट चढ़ा हुआ है। मरीजों को न तो सुबह चाय दी जा रही है और न ही चार...

डेढ़ साल से एमजीएम के मरीजों को नहीं मिल रही है चाय
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरThu, 11 Jan 2018 07:47 PM
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एमजीएम अस्पताल में डेढ़ साल से मरीजों को चाय नहीं मिल रही है। वहीं, मरीजों का सुबह का नाश्ता भी महंगाई की भेंट चढ़ा हुआ है। मरीजों को न तो सुबह चाय दी जा रही है और न ही चार बिस्किट।

कहां जाता है चाय के हिस्से का दूध : एमजीएम में सरकार द्वारा निर्धारित डाइट चार्ट के अनुसार सुबह साढ़े सात बजे तक मरीजों को 150 मिली चाय और चार बिस्किट देना होता है। वहीं, शाम साढ़े चार बजे तक 250 मिली दूध व चार ब्रेड देना होता है। पर सुबह का चाय-बिस्किट बंद करके शाम का दूध-ब्रेड मरीजों को सुबह ही दिया जा रहा है। वह भी सिर्फ बच्चों व गर्भवती महिलाओं को। शाम में नाश्ते के तौर पर मरीजों को कुछ नहीं दिया जा रहा है। पता नहीं चाय के हिस्से का दूध कहां जा रहा है? वहीं डाइट चार्ट में सर्दी के मौसम में चाय के स्थान पर सूप भी देने का भी प्रावधान है। पर सूप तो एमजीएम के इतिहास में कभी नहीं बना। खाने में हो रही कटौती : एमजीएम में मरीजों के खाने में भीषण कटौती की जा रही है। मरीजों को डाइट चार्ट के विरूद्ध सप्ताह में दो दिन (सोमवार व शुक्रवार) के बजाय केवल एक दिन (सोमवार) ही चिकेन दिया जा रहा है। वह भी सिर्फ 200 ग्राम की जगह सिर्फ 100 ग्राम। मरीजों को भोजन के साथ कोई फल (दो) देना है पर उन्हें दो के बजाय सिर्फ एक केला दिया जा रहा है। वर्षों से केले के अलावा कोई दूसरा फल मरीजों को नहीं दिया गया। हरी सब्जी के नाम से तो मरीज पूरी तरह से वंचित हैं।

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