एमजीएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निरीक्षण के लिए मंगलवार को नई दिल्ली से तीन सदस्यीय मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की टीम डॉ. बीके दास के नेतृत्व में शहर पहुंची। मंगलवार को टीम के दो सदस्यों ने कॉलेज में व एक सदस्य ने एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण किया। अस्पताल में निरीक्षण के दौरान न तो एमसीआई को इमरजेंसी में उपकरणों की सूची मिली व न ही ओपीडी में फीमेल इंजेक्शन रूम। इसी तरह कई कमियां एमसीआई ने गिनाईं। टीम दो दिवसीय दौरे पर आई है।
कंप्लीटली ऑटोमेटेड रजिस्ट्रेशन सिस्टम होना चाहिए : एमजीएम पहुंचकर एमसीआई ने सर्वप्रथम अधीक्षक कक्ष में सभी डॉक्टरों की उपस्थिति देखी। अधीक्षक व उपाधीक्षक से पूछताछ की। इसके बाद टीम ने रजिस्ट्रेशन रूम का निरीक्षण किया। टीम ने कहा कि अस्पताल में पूरी तरह से ऑटोमेटेड रजिस्ट्रेशन सिस्टम होना चाहिए। इस पर अधीक्षक ने बताया कि इस संबंध में मुख्यालय से पत्राचार किया गया है।
इसके बाद टीम ने इमरजेंसी का निरीक्षण किया। टीम ने इमरजेंसी के जूनियर डॉक्टरों से कई सवाल किए। इस दौरान टीम ने एक मरीज से बातचीत की और उक्त मरीज के इलाज संबंधी रिपोर्ट व इमरजेंसी में उपलब्ध उपकरणों की सूची नर्स से मांगी, पर नर्स दोनों चीजें उपलब्ध नहीं करा पाई। वहीं सटा-सटाकर बेड लगाने पर भी एमसीआई ने आपत्ति जताई। इमरजेंसी के बाद टीम ने आईसीयू का निरीक्षण किया, जहां सभी व्यवस्था ठीक मिली। इसके बाद टीम ने ओपीडी, गायनिक विभाग, एक्सरे, सिटी स्कैन, ऑर्थो विभाग, सर्जरी ओटी, सीएसएसडी (सेंट्रल स्टेरेलाइजेशन रूम), पैथोलॉजी व ब्लड बैंक का निरीक्षण किया। इसके बाद टीम कॉलेज के लिए रवाना हो गई।
सवाल पूछते ही भागी नर्स : सिटी स्कैन में निरीक्षण करने पहुंची टीम ने वहां तैनात नर्स से सवाल किया तो वह डर के मारे वहां से भाग गई। बाद में उपाधीक्षक व रेडियोलॉजी प्रभारी ने प्रश्नों के उत्तर दिए।
प्राचार्य, अधीक्षक व विभागाध्यक्षों संग की बैठक : टीम के सदस्यों ने दोपहर दो बजे कॉलेज परिसर में एमजीएम कॉलेज प्राचार्य डॉ. एसी अखौरी, अस्पताल अधीक्षक डॉ. एसएन झा, उपाधीक्षक डॉ. नकुल चौधरी व सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान टीम ने कॉलेज व अस्पताल में शिक्षक व डॉक्टरों की संख्या, स्वीकृत पद, विद्यार्थियों की क्लासेज आदि के बारे में पूछताछ की व कागजात की जांच की।