एमजीएम का सार्वजनिक टेलीफोन नंबर तक नहीं, दूर से आने वाले मरीज होते हैं परेशान
कोल्हान के एमजीएम अस्पताल में मरीजों को टेलीफोन नंबर नहीं मिलने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दूर-दूर से आने वाले मरीजों को पता चलता है कि उनके इलाज के लिए डॉक्टर मौजूद नहीं हैं, जिससे...

कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम का कोई टेलीफोन नंबर तक नहीं है। इसके कारण मरीजों को काफी परेशानी होती है। दूरदराज से आने वाले मरीजों को यहां आने पर पता चलता है कि जिस बीमारी के इलाज के लिए वे आए हैं, उसके डॉक्टर हैं ही नहीं। ऐसे में समय तो बर्बाद होता ही है, मरीज की जान भी चली जाती है। एमजीएम अस्पताल में कई-कई किमी दूर से मरीज आते हैं। इनमें से कई पूर्वी सिंहभूम तो कई कोल्हान के अन्य जिलों सहित पश्चिम बंगाल और ओडिशा से आते हैं। कई बार गंभीर मरीज दूर से इस भरोसे पर आते हैं कि एमजीएम में इलाज करा सकेंगे, लेकिन यहां आने पर पता चलता है कि जिस विभाग के मरीज हैं, उसके यहां कोई डॉक्टर ही नहीं हैं।
ऐसे में उन्हें यहां के दूसरे अस्पताल या रांची या फिर कोलकाता जाना होगा। ऐसे में मरीजों का समय भी बर्बाद हो जाता है और उसकी बीमारी और बढ़ जाती है। ऐसे में कई बार मरीजों के पास समय कम होता है और उनके पास एक-एक घंटे महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में रांची तक जाते-जाते वे दम तोड़ देते हैं। यदि टेलीफोन पर ही जानकारी मिल जाए तो मरीजों का समय बच सकेगा। सामान्य मरीजों को भी परेशानी सामान्य मरीजों को भी दिखाने के लिए आना होता है, लेकिन उन्हें नहीं पता होता है कि किस दिन कौन से डॉक्टर बैठते हैं। यही नहीं, यहां चार विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टर हैं, जो सप्ताह में एक-दो दिन ही बैठते हैं। ऐसे में किस दिन कौन से डॉक्टर बैठते हैं, इसकी जानकारी सभी मरीजों को नहीं होती। दूर से आने वाले मरीजों को यहां आने के बाद पता चलता है कि निम्न दिन को उक्त डॉक्टर बैठते हैं या नहीं। यदि उन्हें फोन पर पता चल जाए तो उन्हें काफी सहूलियत होगी।
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