क्यों कार्ड से सरकारी स्कूलों से बढ़ाया जाएगा अभिभावकों का जुड़ाव
हर तीन महीने में पैरेंट्स-टीचर मीटिंग का आयोजन किया जाएगा। इसमें अभिभावकों को बच्चों की प्रगति रिपोर्ट दी जाएगी और 'क्यों कार्ड' के माध्यम से बच्चों के व्यक्तित्व को समझने में मदद की जाएगी। इस कार्ड...

हर तीन महीने में पैरेंट्स-टीचर मीटिंग किया गया अनिवार्य बच्चों की प्रगति को मीटिंग में अभिभावकों का आना सुनिश्चित करने के निर्देश जमशेदपुर, प्रमुख संवाददाता सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के मासिक शैक्षिक विकास की निगरानी अब हर तीन महीने में की जाएगी। इसके लिए हर तीसरे महीने में स्कूलों में पैरेंट टीचर मीटिंग का आयोजन किया जाएगा। इस पैरेंट टीचर मीटिंग के दौरान अभिभावकों को बच्चों की प्रगति रिपोर्ट से से तो अवगत कराया ही जाएगा। साथ ही बच्चों के व्यक्तित्व को समझने के लिए भी क्यों कार्ड के माध्यम से प्रेरित किया जाएगा। क्यों कार्ड को शिक्षा विभाग की ओर से नवाचार के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसका प्रयोग अभिभावक-शिक्षक बैठक में किया जाएगा।
शिक्षा विभाग की ओर से जारी इस कार्ड का उद्देश्य स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों में ऐसी समझ और कौशल विकसित करना है, जिससे वे खुद को अपने बच्चों के कौशल को समझने के साथ उनकी रुचि, रूटीन एवं संस्कार समेत बच्चों के, खासकर किशोर किशोरियों के शारीरिक बनावट संबंधी रुढ़ियों और असुरक्षा की भावनाओं को संबोधित कर सकेंगे। स्कूलों की ओर से इस बार पीटीएम में अभिभावकों को ये क्यों कार्ड बांटे गए। इसमें कई बिंदुओं पर अभिभावकों को बच्चों के मनोभाव को समझने के लिए व्यापक जानकारी प्रदान की गई है। सोशल मीडिया के प्रभाव पर भी अभिभावकों को जानकारी क्यों कार्ड में विद्यार्थियों के सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने और उनपर इससे पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी जानकारी साझा की गई। इसमें अभिभावकों को बताया गया कि अगर बच्चा सोशल साइट पर सक्रिय है तो उसे कैसे जानें और उस सोशल मीडिया पर बच्चों के मन पर कैसा प्रभाव पड़ रहा है, इसपर जानकारी प्रदान की गई है। क्यों कार्ड के आधार पर अभिभावक बच्चों की हर गतिविधि को समझ सकेंगे। क्यों कार्ड 10 विषयों में विभाजित अभिभावकों को सौंपे गए क्यों कार्ड 10 विषयों में विभाजित हैं। हर एक विषय के दो हिस्से हैं और प्रत्येक हिस्से में एक पोस्टर, कार्ड और गतिविधि है। इस कार्ड में अलग-अलग उदाहरणों द्वारा चर्चा की गई है और इससे अभिभावकों को बच्चों को समझने के लिए प्रेरित किया गया है। उदाहरण में विद्यार्थियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई है और उसमें अभिभावकों को कई विकल्पों पर टिक करने के लिए कहा गया है, जिससे बच्चों के व्यक्तित्व को अभिभावक समझ सकेंगे।
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