नदी में नहीं गिरेगा कचरा, 58 करोड़ से लगेंगे तीन एसटीपी प्लांट
सुवर्णरेखा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए मानगो नगर निगम क्षेत्र से गिरने वाले 9 बड़े नालों के गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए 58 करोड़ रुपये की डीपीआर को झारखंड सरकार ने स्वीकृति दी है। इस योजना के...

सुवर्णरेखा नदी को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। मानगो नगर निगम क्षेत्र से नदी में गिरने वाले 9 बड़े नालों के गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए 58 करोड़ रुपये की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग से टेक्निकल स्वीकृति मिल गई है। इस योजना को अंतिम मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा गया है और उम्मीद है कि कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी मिल जाएगी। अगले सप्ताह तक इस परियोजना के लिए राशि आवंटित हो जाएगी। तीन स्थानों पर बनेगा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी)
योजना के तहत, लक्ष्मण नगर, श्याम नगर और शंकोसाई में तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किए जाएंगे। इन प्लांट्स के जरिए सुवर्णरेखा नदी में गिरने वाले नालों के पानी को पहले एकत्र कर ट्रीटमेंट कर स्वच्छ पानी को नदी में छोड़ा जाएगा।
तीन करोड़ 50 लाख लीटर गंदा पानी रोज गिरता है नदी में
शहरभर में जेएनएसी और मानगो क्षेत्र में कुल 32 नाले हैं, जिनसे प्रतिदिन लगभग 3.50 करोड़ लीटर गंदा पानी सुवर्णरेखा और खरकई नदी में गिरता है। मानगो, भुइयांडीह, बिरसानगर, जुगसलाई और बागबेड़ा समेत अन्य इलाकों से बिना ट्रीटमेंट के गंदा पानी सीधे नदी में गिर रहा है।
जेएनएसी और टाटा स्टील भी कर रही योजना पर काम
नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए जेएनएसी और टाटा स्टील यूआईएसएल भी नालों के पानी को ट्रीट करने की योजना पर काम कर रहे हैं। जेएनएसी के तहत 17 बड़े नाले हैं, जिनसे सीधे नदी में गंदा पानी गिरता है। इसके लिए भी पुणे की कंसल्टिंग फर्म एनजेएस प्राइवेट लिमिटेड डीपीआर तैयार कर रही है, और इसपर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। वहीं, टाटा स्टील कंपनी क्षेत्र के 12 बड़े नालों का गंदा पानी ट्रीट करने की योजना को अंतिम रूप दे रही हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।