इंजन को अकेला न छोड़ें लोको पायलट
लोको पायलट ड्यूटी के दौरान इंजन को कभी अकेला न छोड़ें। 23 मार्च को दक्षिण पूर्व जोन से जारी सेफ्टी सर्कुलर में लोको पायलट को यह सुझाव दिया गया है।...
लोको पायलट ड्यूटी के दौरान इंजन को कभी अकेला न छोड़ें। 23 मार्च को दक्षिण पूर्व जोन से जारी सेफ्टी सर्कुलर में लोको पायलट को यह सुझाव दिया गया है। जोन का सेफ्टी पत्र टाटानगर स्टेशन के क्रू-गार्ड लॉबी एवं चक्रधरपुर मंडल मुख्यालय में आया है।
दरअसल, इंजन में दो लोको पायलट की ड्यूटी होती है। किसी तरह की खराबी आने पर लोको पायलट उतरकर जांच करते हैं। इस दौरान इंजन लुढ़कने की घटना ज्यादा होती है। रेलवे जोन ने सुरक्षित परिचालन की योजना से सुझाव दिया है कि जांच के लिए एक लोको पायलट उतरें, ताकि इंजन के लुढ़कने की स्थिति में दूसरा सहयोगी हैंडब्रेक लगा सके।
टाटा में पहले लुढ़क चुके हैं इंजन : टाटानगर स्टेशन के प्लेटफार्म और लोको शेड की लाइन पर इंजन लुढ़कने की घटना पहले हो चुकी है। अभी दिल्ली की ब्रांच लाइन में इंजन लुढ़कने के बाद जोन में सतर्कता शुरू है, ताकि हादसा न हो। हालांकि स्टेशन व यार्ड की लाइन पर ज्यादा देर रुकने पर इंजन की पहिये के आगे दो स्किट लगाए जाते हैं।